मुजफ्फरपुर। भाजपा की वर्चुअल रैली को जनता के साथ धोखा बताते हुए वामदलों के राज्यव्यापी आह्वान पर मुजफ्फरपुर में शहर से गांव तक विश्वासघात और धिक्कार दिवस मनाया गया।
इस दौरान शहर में खुदीराम बोस स्मारक स्थल के सामने बड़ी संख्या में भाकपा-माले, सीपीआई, सीपीएम, फारवार्ड ब्लाक के कार्यकत्ताओं ने प्रदर्शन कर वर्चुअल रैली नहीं बल्कि रोजगार व कोरोना से बेहतर इलाज की गारंटी करने की मांग पटना-दिल्ली की सरकार से की।
इस दौरान वामदलों ने सरकार से लाकडाउन से तबाह आमलोगों को संकट से उबारने के लिए 7 सूत्री मांगों को लागू करने की मांग पर जोर दिया। इन मागों में आयकर देने वाले को छोड़ कर सभी परिवारों को छ: महीने की अवधि तक प्रतिमाह 7500 रूपये नगद , 6 महीने की अवधि तक प्रतिमाह प्रति व्यक्ति 10 किलो राशन, मनरेगा के तहत सभी मजदूरों को साल में 200 दिन काम तथा 500 रुपये प्रतिदिन मजदूरी, शहरों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए मुफ्त परिवहन, भोजन-पानी की व्यवस्था, भूख-प्यास, दुर्घटना, बीमारी और क्वारेंटिन सेंटरों में मृतकों के परिजनों को 20-20 लाख रुपये मुआवजा, किसानों के केसीसी सहित तमाम कर्ज और स्वयं सहायता समूहों के कर्ज माफ करने तथा सभी किस्म के फसलों की अनिवार्य खरीद की गारंटी करना प्रमुख है।
विरोध प्रदर्शन में सीपीएम के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर शुक्ला, भाकपा-माले के शत्रुघ्न सहनी, सकल ठाकुर, प्रो अरविंद कुमार डे, फहद जमां, सीपीआई के जिला सचिव रामकिशोर झा, चंदेश्वर चौधरी,शंभूशरण ठाकुर, सीपीएम के जिला सचिव अब्दुल गफ्फार, नमिता सिंह, फारवार्ड ब्लाक के जिला अध्यक्ष रोहित सिंह,हबीब अंसारी सहित माले के मुन्ना रजक, दिनेश सहनी, मो.रिजवान, अरविंद चौधरी, सीपीआई के तपन कुमार डे, रामनरेश ठाकुर, गणेश महतो,सुनील ठाकुर , सीपीएम के सुन्देश्वर सहनी, मदन प्रसाद, डी.पी. सिंह, फारवार्ड ब्लाक के जहीरूद्दीन अंसारी सहित दर्जनों वाम कार्यकर्ताओं, महिलाओं व नौजवानों ने भाग लिया।
शहर के अन्य क्षेत्रों व मुहल्लों में भी विरोध प्रदर्शन किया गया जिसमें भाकपा-माले जिला सचिव कृष्णमोहन, इंसाफ मंच के राज्य अध्यक्ष सूरज कुमार सिंह, ऐपवा की जिला सह सचिव निर्मला सिंह, इंकलाबी नौजवान सभा के जिला सचिव राहुल कुमार सिंह व अन्य ने भाग लिया।
इस दौरान वाम नेताओं ने कहा कि कोरोना संकट और लाकडाउन से आमलोग तबाह हैं। बीमारी के साथ बेरोजगारी, भुखमरी तथा लाख परेशानियों से लोग जूझ रहे हैं। कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। बड़ी संख्या में लोग मौत के शिकार हो रहें हैं। लेकिन पटना-दिल्ली की सरकार लोगों से विश्वासघात कर वर्चुअल रैली करने में जुटी है। यह रैली जनता को धोखा में डाल कर महज भाजपा-जदयू की चुनावी चालबाजी है जिसका बिहार की जनता चौतरफा विरोध कर रही है।
मुशहरी, बोचहां, गायघाट, कुढ़नी, बंदरा, साहेबगंज सहित सभी प्रखंडों के दर्जनों गांव-पंचायतों में भी भाकपा-माले सहित अन्य वामदलों ने धरना-प्रदर्शन किया। गायघाट में माले नेता जितेन्द्र यादव,कु ढ़नी में होरिल राय, बंदरा में रामबली मेहता, साहेबगंज में विश्वकर्मा शर्मा, बोचहां में रामबालक सहनी, रामनंदन पासवान, वीरेन्द्र पासवान, मो.करीम, अजय साहू, मुशहरी में शत्रुघ्न सहनी व उमेश भारती के नेतृत्व में धरना-प्रदर्शन किया गया जिसमें सैकड़ों मजदूर- किसानों, महिलाओं व नौजवानों ने भाग लिया।