कोरोना ने तोड़ी ऐतिहासिक परम्परा, लवकुश जन्मोत्सव मेला रद्द

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नौ दिनी मेले में आयोजित होते थे विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम, लगता था विशाल मेला

कोइरौना/सीतामढ़ी (भदोही)। कोरोना महामारी ने सैकड़ों वर्ष की परंपरा पर भी विघ्न डाल दिया है। उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के सीता समाहित स्थली सीतामढ़ी में लवकुश जन्मोत्सव के अवसर पर हर वर्ष आयोजित होने वाला अखिल भारतीय राष्ट्रीय रामायण नौ दिवसीय मेला स्थगित कर दिया गया है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण मेला समिति के संरक्षक श्यामजी सेठ की अध्यक्षता में बुधवार को लवकुश इंटरमीडिएट कॉलेज सीतामढ़ी में हुई बैठक में इस वर्ष मेले का आयोजन रद्द किए जाने का निर्णय लिया गया। कालीन नगरी भदोही के सीता समाहित स्थली सीतामढ़ी के ऐतिहासिक मेले का पौराणिक धार्मिक और पारंपरिक महत्व है। प्राचीन इतिहास को समेटे हर वर्ष लगने वाले मेले में 9 दिन तक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होता था। साथ ही विशाल मेला भी लगता है। इस वर्ष आगामी 22 जून से मेले व धार्मिक कार्यक्रम का आगाज होना था। और 29 जून को भव्य मेले के आयोजन के साथ लवकुश जन्मउत्सव कार्यक्रम का समापन होता। लेकिन ऐसा कई दशकों में पहली बार हुआ है जब मेले के आयोजन को स्थगित करना पड़ा है। कोरोना वायरस के चलते बदली दिनचर्या के बीच इस बार लोगों को मेला भी देखने को नही मिल पायेगा। बता दें कि प्रसिद्ध मेले को क्षेत्रीय लोग त्यौहार की भांति मनाते हैं। लवकुश जन्म उत्सव पर गंगा स्नान के साथ आयोजित होने वाले नौ दिवसीय भागवत और रामायण कथा का भी श्रवण कर कृतार्थ होते हैं। अवगत हो कि शासन ने भी सामूहिक कार्यक्रमों व आयोजनों पर रोक लगाई हुई है। इसी को देखते हुए मेला समिति ने बैठक कर आयोजन रद्द करने का अंतिम निर्णय लिया है। इस अवसर पर संरक्षक श्यामजी सेठ, मुन्नालाल पांडेय, महंत हरिप्रसाद मिश्र, पुजारी महेश मिश्रा व मनोज चौबे आदि लोग मौजूद रहे।

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Team AJ Bhadohi

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