कैमूर के तत्कालीन डीपीओ के खिलाफ काररवाई का आदेश

शेल्टर होम मामला

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  • सीबीआई ने की थी काररवाई की अनुशंसा

(आज समाचार सेवा)

पटना। बहुचर्चित शेल्टर होम  की गुंज अभी भी थमी नहीं है। सीबीआइ की जांच रिपोर्ट सरकार को मिल गयी है। ताजा मामला कैमूर के एक शेल्टर होम से जुड़ा है। वहां भी कई गड़बडिय़ा हुई थी। सीबीआइ ने कैमूर के तत्कालीन डीपीओ यानी जिला प्रोग्राम पदाधिकारी की भूमिका पर सवाल उठाते हुए सरकार से कार्रवाई करने को कहा है। सामान्य प्रशासन ने समाज कल्याण विभाग को डीपीओ के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है।     

उल्लेखनीय है कि तीन वर्ष पूर्व मुजफ्फरपुर बाल सुधार गृह में संरक्षित बच्चियों के साथ कथित रुप से दुष्कर्म समेत अनेक घिनौने कार्य का मामला उजागर हुआ था। उस वक्त प्रशासनिक से लेकर राजनीतिक हलकों में उथल पुथल मची थी। सरकार ने टीसीएस नामक संस्था से शेल्टर होमों की हालात का सर्वेक्षण कराया था। सर्वेक्षण रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आये थे। उसी रिपोर्ट के आधार पर मुजफ्फरपुर शेल्टर होम के किंग पिन ब्रजेश ठाकुर समेत दर्जनों लेकर अभी भी जेल में बंद हैं। लगभग एक दर्जन से अधिक आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें पदच्युत कर दिया गया।          

मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने राज्य के अंदर संचालित सभी शेल्टर होम की गतिविधियों की सीबीआइ जांच कराने का फैसला लिया था। गृह विभाग ने सीबीआइ से जांच कराने की अनुश्ंसा गृह मंत्रालय से की थी। सभी कागजात सीबीआइ को सौंपा गया। अब सीबीआइ ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। रिपोर्ट में सरकार से लगभग १०० आइएएस के खिलाफ प्रथम दृष्टयां मामले को लेकर जिम्मेवार मानते हुए कार्रवाई करने की अनुशंसा की थी। सरकार ने रिपोर्ट की समीक्षा कर कार्रवाई के लिए समाज कल्याण विभाग को निर्देश दिया था।   

 इधर सामान्य प्रशासन विभाग ने समाज कल्याण के सचिव को पत्र लिखकर राज्य के विभिन्न शेल्टर गृहों में हो रही अनियमितताओं की सीबीआइ से जांच प्रतिवेदन के आलोक में कार्रवाई करने को कहा है। सामान्य प्रशासन ने अपने पत्र में कहा है कि सुनील दत्त झा, तदेन डीपीओ कैमूर के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करने का अनुरोध सीबीआइ द्वारा किया गया है। मामले में अग्रेतर कार्रवाई हेतु आरोप पत्र की आवश्यकता होगी, जो संप्रति जांच प्रतिवेदन के साथ उपलब्ध नहीं कराया गया है।

श्री झा के विरुद्घ आरोप पत्र गठित कर साक्ष्य एवं  साक्षियों की सूची उपलब्ध करायें ताकि मामले की शीघ्रता से अग्रेतर कार्रवाई की जा सके। बहरहाल आने वाले दिनों में सीबीआइ की जांच रिपोर्ट के आधार पर लगभग दो दर्जन से अधिक वरीय अधिकारियों एवं कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई तय है। इन अधिकारियों पर बाल सुधार गृहों के संचालकों से मिलीभगत कर पर्यवेक्षण व मॉनीटरिंग सही तरीके से न करने तथा बालिकाओं से दुराचार जैसे गंभीर आरोप प्रतिवेदित हैं।

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