पटना। कोशी स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के विधान परिषद सदस्य डॉ संजीव कुमार सिंह ने राज्यपाल सह कुलाधिपति, बिहार को पूर्णिया विश्वविद्यालय, पूर्णिया के कुलपति की कार्यशैली पर जबरदस्त प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है और अपने स्मार-पत्र के माध्यम से गहन जांच और कार्रवाई की मांग की है। विधान पार्षद डॉ सिंह ने ‘आज’ से आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान में पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह की कार्यशैली आरोपों के घेरे में है। बावजूद इसके उन्हें एल एन एम यू , दरभंगा एवं कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति का अतिरिक्त प्रभार प्रदान किया गया है, जबकि कुलपति द्वारा पूर्णिया विश्वविद्यालय में अनेक कार्य अधिनियम एवं परिनियम के विपरीत किए गए हैं। इनके विरुद्ध पूर्व में भी कुलाधिपति ,बिहार से लिखित शिकायत की गई है ।बावजूद इसके राज्यपाल सचिवालय एवं राज्य सरकार के द्वारा इनके क्रियाकलापों की जांच अब तक नहीं की गई है, जो बेहद आश्चर्य का विषय है। विधान पार्षद डॉ. सिंह ने पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति के क्रियाकलापों की सघन जांच और त्वरित कार्रवाई पर भी बल दिया है। डॉ सिंह ने कहा है कि कुलपति द्वारा बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम के प्रावधान के प्रतिकूल कार्य किए जा रहे हैं ।वर्तमान कुलपति द्वारा विश्वविद्यालय अधिनियम के प्रावधानों एवं राजभवन के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा निर्गत निर्देशों के प्रतिकूल कार्य किए जा रहे हैं। पूर्व में भी संज्ञान के लिए उन्होंने कुलाधिपति को पत्र भेजा था। पुनः विधान पार्षद ने कुलपति की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा किया है। उन्होंने इस बार भी पत्र में लिखा है कि कुलपति की स्वच्छंद कार्यशैली से प्रभावित होकर प्रथम वित्त पदाधिकारी ने अपना इस्तीफा तक राजभवन को सौंपा था। विभिन्न आरोपों से घिरे रहने के बावजूद स्व पसंदगी और नापसंदगी के आधार पर वे निर्णय लेते रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के कुछ चाटुकार और अवसरवादी पदाधिकारी के माध्यम से माहौल गड़बडाया जा रहा है ।उन्होंने कुलपति की प्रशासनिक अनुभवहीनता को लेकर कहा है कि संबंधित प्राधिकारो व निकायों का अनुमोदन प्राप्त किए बिना ही कार्यकारी आदेश के तहत विश्वविद्यालय में अधिकांश पाठ्यक्रमों का संचालन शुरू किया गया है, जिसकी डिग्री निश्चित ही संशययुक्त है। इनके द्वारा नए-नए विभागों को बिना आधारभूत संरचना के ही खोल दिया गया है। सच तो है कि बेरोजगारी के आलम में विद्यार्थियों को रोजगार उन्मुख शिक्षा-डिग्री का प्रलोभन देकर धन इकट्ठा करने की जुगत लगाई गई है। कहीं ऐसा ना हो कि समय बीत जाने के पश्चात वर्तमान कुलपति द्वारा की गई गलती का खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़े। इसलिए इसका उद्भेदन विद्यार्थी हित में है। विधान परिषद डॉ सिंह ने कुलपति पर आरोप लगाया है कि अब तक के कार्यकाल में वित्तीय अनियमितताओं की सारी हद पार कर दी गयी है। विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 45 , 50 का उल्लंघन किया गया है। इसलिए उन्होंने स्मार पत्र के माध्यम से कुलाधिपति का ध्यान आकृष्ट किया है और जांच कर कार्रवाई की जोरदार मांग की है। इस आशय के स्मार पत्र को विधान पार्षद डा सिंह ने ‘आज ‘को हस्तगत कराकर विश्वविद्यालय हित मे पहल की है।
पूर्णिया विवि के कुलपति के खिलाफ त्वरित हो कार्रवाई: डा.संजीव
राज्यपाल व कुलाधिपति को लिखा पत्र
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Hello world!
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पूर्णिया यूनिवर्सिटी के कुलपति के लिए
हमलोगों का भी एक शिकायत हैं
पूर्णिया यूनिवर्सिटी के अंतर्गत फारबिसगंज कॉलेज फारबिसगंज में वर्ष 2017 में 52 नए कर्मचारियों का योगदान कर जॉइन करवाया गया जो को उस समय bnmu मधेपुरा के अधीन था
पूर्णिया यूनिवर्सिटी बनने के बाद हम कर्मचारियों को लगा कि अब वेतन जल्दी ही भुगतान हो जाएगा पर 2020 आधा साल बीत गया 3 साल होने को है जो अभी तक नही मिला लेकिन कुलपति के पास वेतन से संबंधि बात करने के लिए जाते है तो बात नही करते है हमलोगों के प्रयास के कारण राज भवन से हमलोगों का वातें की राशि पूर्णिया यूनिवर्सिटी को दे भी दिया गया लेकिन कुलपति महोदय हमलोगों का वेतन देने से इनकार कर रहे है wo डायरेक्ट बोल रहे है नही मिलेगा
क्या हमलोगों का घर परिवार नही है
3 साल से हमलोग वेतन के लिए तरस रहे है
कुलाधिपति से हम 52 कर्मचारियों के द्वारा मांग करते है कि जल्दी से जल्दी वेतन का भुगतान करे
प्रणाम