(ऋषिकेश पाण्डेय)
मऊ।कोरोना महामारी के बीच दम तोड़ रही अर्थ व्यवस्था ने
बेरोजगारों को लाकडाऊन का अर्थ शास्त्र समझा दिया है।जहां दो घंटे में धन दूना-तिगुना हो रहा है।शायद,यही वज़ह है कि सब्जी और फल के बाजार में आज बेरोजगार कूद पङे हैं और यह बाजार इन दिनों उनकी भुखमरी दूर करने के लिए वरदान साबित हो रहा है।शुक्रवार को कृषि उत्पादन मंडी समिति के सचिव द्वारा जारी रेट सूची के मुताबिक आलू-17,प्याज-10,लहसुन-65,अदरक-46,टमाटर-7,हरी मिर्च-12,करैला-14,भिंडी-12,बैगन-10,गाजर-8,परवल-20,खीरा-5,कद्दू-4,अंगूर-30,सेव-50अनार-65,संतरा-40,शिमला मिर्च-25,पपीता-20,तरबूज़-11रूपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से स्थानीय सब्जी मंडियों में बिका।जबकि यही वस्तुएं बाजार में दूने और घर-घर पहुंचाकर तिगुने रेट से बिक रही हैं।जिससे यह धंधा इस दौर में बेरोजगारों के लिए बेहद मुफीद साबित हो रहा है।कम पूंजी लगाकर शुरू किये जाने वाले इस धंधे का प्रतिफल सिर्फ दो घंटे मिलने वाली छूट में और अपने आस-पास के गाँवों में ही मिल जा रहा है।जिससे बेरोजगार हर तरह का लाज-लिहाज त्याग कर इस धंधे में कूद पड़े हैं।
दो घंटे में दूना-तिगुना हो रहा धन लाकडाऊन का अर्थशास्त्र समझकर बाज़ार में कूदे बेरोजगार
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Hello world!
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व्यंग्यात्मक रूप से प्रहार करती हुई सटीक व सही ख़बर के लिए हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ सर