(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में 94 हजार प्रारंभिक शिक्षकों की बहाली होगी। बहाली की प्रक्रिया में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) से डीईएलएड करने वाले अभ्यर्थी भी शामिल किये जायेंगे।
दरअसल, राज्य में 94 हजार प्रारंभिक शिक्षकों की बहाली (नियोजन) की प्रक्रिया पिछले साल 25 जुलाई को ही शुरू हुई थी। बहाली के लिए आवेदन भी लिये जा चुके थे। लेकिन, उसमें राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान से डीईएलएड करने वाले शिक्षक अभ्यर्थियों को इस आधार पर आवेदन करने से वंचित किया गया कि उनका कोर्स 24 माह के बदले 18 माह का ही है। इससे ऐसे अभ्यर्थी पटना उच्च न्यायालय की शरण में चले गये। पटना उच्च न्यायालय का फैसला राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान से डीईएलएड करने वालों के पक्ष में आया। न्यायालय का कहना था कि राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान से डीईएलएड करने वाले शिक्षक हैं, इसलिए उनके कार्य अनुभव के छह माह को शामिल किया जाना चाहिये। इसके मद्देनजर गत 11 फरवरी को नियोजन प्रक्रिया स्थगित हो गयी।
हालांकि, उसके पहले सात फरवरी को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आर. के. महाजन राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष को पत्र लिख चुके थे। बाद में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने पटना उच्च न्यायालय के फैसले पर अमल करने का फैसला किया। उसने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह पटना उच्च न्यायालय के फैसले के आलोक में काररवाई करे। उसके बाद इससे संबंधित प्रक्रिया राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के स्तर पर शुरू हुई है।
उच्चपदस्थ सूत्रों की मानें, तो विधि विभाग से सहमति लेकर शिक्षा विभाग द्वारा पहले रिव्यु पीटिशन वापस लिया जायेगा। उसके बाद नियोजन की प्रक्रिया शुरू होगी। प्रस्तावित प्रक्रिया के तहत राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान से डीईएलएड करने वाले टीईटी पास शिक्षक अभ्यर्थियों को आवेदन करने के लिए बीस दिनों के समय दिये जायेंगे। जो पहले से आवेदन कर चुके हैं, उन्हें आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी। प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह के मुताबिक तीन महीने में सम्पूर्ण नियोजन प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी।
माननीय मुख्य मंत्रीजी बिहार। प्रवासी मजदुर केलिए जिवीकोपाजर्न का साधन उपलब्ध कराने कीओर ध्यान देंगे तो बच्चे की पढ़ाई स्वत:रास्ते परआ जाएगी ।मुफ्त में नामांकन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी । केबल राजनितीक सोच रखनें से सर्वागिक बिकास संम्भव नहीं है।