चंदौली। जनपद में बनाये गये निराश्रित गौ आश्रय स्थलों का कोई पुरसाहाल नहीं है। अधिकांश स्थानों पर देख रेख में की जा रही अनियमितता के चलते गौवंश के मरने की भी बात सामने आ रही है। ऐसा ही मामला जनपद के नियामताबाद विकास खण्ड के ग्राम पंचायत कठौरी में भी प्रकाश में आया है। गांववासियों का कहना है कि यहां रखे गये पशुओं को उचित चारा न मिलने व रख रखाव की उचित व्यवस्था न होने से उनकी अक्सर मौत हो जा रही है। साथ ही मरे हुए पशुओं का समय से निष्पादन न किये जाने से तमाम संक्रामक बीमारियों फैलने की संभावना बढ़ गयी है। गांववासियों का कहना है कि विगत कुछ माह पहले ग्राम पंचायत में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक गौशाला निर्माण गांव में कराया गया था। जिसमें निराश्रित सहित बिना दूध देने वाले पशुओं को रखा गया है। इन पशुओं के कांनों में टैग भी लगाया गया है। यहां पर लगभग १८२ पशुओं को रखने की बात सामने आयी है। सरकार द्वारा उपरोक्त पशुओं के चारा सहित देखभाल पर लगभग ५४६० रुपये प्रतिदिन के हिसाब से खर्च किया जाना है। गौशाला में रखे गये पशुओं में पांच से दस पशुओं की हर तीन दिन में मरने की भी बात सामने आ रही है। आलम यह है कि पशुओं के मरने आदि का कोई संज्ञान लेने वाला नहीं है। गांववासियों ने मामले की जनहित में जांच कराने की मांग की है। इस बाबत ग्राम प्रधान का कहना है कि अव्यवस्था की बात निराधार है। पशु आश्रय की घेराबंदी के लिए नापी हो गयी है। जल्द ही कटीले तार से घेर दिया जायेगा। ताकि आश्रय गृह में रहने वाले पशु सुरक्षित रह सके। अन्य विकास कार्य के लिए भी योजना बनायी जा रही है।