अब आगरा का मुगल म्यूजियम होगा छत्रपति शिवाजी म्यूजियम

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– सीएम योगी ने मुगल म्यूजियम का नाम बदलने का किया ऐलान

आगरा। आगरा के मुगल म्यूजियम का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज कर दिया हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आगरा मंडल के विकास कार्यो की समीक्षा के दौरान इस फैसले पर मंजूरी दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि आगरा में निर्माणाधीन मुगल म्यूजियम, छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम स्थापित होगा।

म्यूजियम में नजर आएंगे छत्रपति शिवाजी

ताजमहल के पूर्वी गेट पर बन रहे म्यूजियम में मुगलिया वैभव के साथ छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़ी चीजें और दस्तावेज भी नजर आएंगे। इस गैलरी में छत्रपति शिवाजी के आगरा से संबंध और यहां से कैद से निकल जाने से जुड़े दस्तावेजों को प्रदर्शीत किया जाएगा। 150 करोड़ रुपये की लागत से शिल्पग्राम के पास बनाए जा रहे म्यूजियम में बहुत कुछ अनूठा होगा। यहां जरदोजी, मार्बल इनले कला को समíपत सेंटर बनाने की तैयारी है, साथ ही मुगलिया इतिहास के अलावा छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़ा इतिहास भी बयां किया जाएगा।

2015 में लिया गया था मुगल म्यूजियम बनाने का फैसला

ताजमहल को देखने के लिए वहां हर साल लाखों की संख्या में देशी और विदेशी पर्यटक आते हैं। इसे देखते हुए 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ने यहां के टूरिज्म को और बढ़ाने के लिये यहां मुगल म्यूजियम बनाने का प्रस्ताव तैयार किया था। इसे ब्रिटेन और जर्मनी के म्यूजोलॉजिस्ट तैयार करने का प्रस्ताव था।

पर्यटन विभाग ने उस वक्त करीब 130 करोड़ की लागत से ताजमहल के पूर्वी गेट रोड पर ताज से करीब 1300 मीटर दूर मुगल म्यूजियम बनाने के लिए पर्शीयन, तुर्की और उज्बेक वास्तुकला के विशेषज्ञों, विश्वविख्यात आíकटेक्ट्स और म्यूजोलॉजिस्ट के अलावा योग्यतम प्रोफेशनल्स की सहायता से इसे बनाने का फैसला लिया था। ब्रिटेन और जर्मनी के विश्वस्तरीय संग्रहालयों की श्रंखला की तर्ज पर इसे बनाये जाने का फैसला लिया गया था। तब से यहां पर काम जारी है।

मुगलकालीन समय की स्थिति की जानकारी देना था उद्देश्य

ताजमहल सहित आगरा में बनी अन्य मुगलकालीन इमारतों की जानकारी के बारे में टूरिस्ट्स को जानकारी मिल सके इसलिये यहां पर मुगलकालीन इमारतों से संबंधित म्यूजियम बनाने का फैसला लिया गया था। ताकि आगरा आने वाले टूरिस्ट्स को आगरा के इतिहाल और मुगल सल्तनत के बारे में ज्यादा जानकारी मिल सके। तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने इसके लिए सहमति दी थी।

अब म्यूजियम की प्रगति पर नजर

-जनवरी 2016- मुगल म्यूजियम का किया गया शिलान्यास

-जनवरी 2020-पर्यटन मंत्री डॉ। नीलकंठ तिवारी ने आíकटेक्ट को बिजनेस प्लान उपलब्ध कराने के निर्देश दिए

-सितंबर 2019 -प्रमुख सचिव पर्यटन जितेंद्र कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में आगरा के पर्यटन अधिकारियों को छत्रपति शिवाजी के लिए म्यूजियम में गैलरी बनाने के निर्देश दिए गए

आगरा में टूरिस्ट्स मुगलकालीन इमारतों और मुगलकालीन इतिहास को देखने के लिये आते हैं। म्यूजियम का नाम मुगल म्यूजियम ही रहता तो टूरिस्ट्स ज्यादा आकíषत होते।

-प्रहलाद अग्रवाल, प्रेसिडेंट, आगरा टूरिस्ट वेलफेयर चैंबर

मुख्यमंत्री जी के फैसले का स्वागत करते हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर करना उनके द्वारा यहां पर किये गये संघर्षो का प्रतीक है।

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