मायावती ने 7 बागी विधायकों को किया निलंबित, कहा- सपा को हराने के लिए बीजेपी को भी दे सकते हैं वोट

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उत्तर प्रदेश से 10 राज्यसभा सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर अब तस्वीर साफ हो गई है। बीजेपी के आठ, सपा का एक और बसपा से एक का जाना तय हो गया है। इन दस सीटों के लिए 11 उमीदवार आ जाने और बसपा के कुछ विधायकों का सपा मुखिया अखिलेश यादव से मिलने के बाद बुधवार को सपा और बसपा के बीच ड्रामा चला और सपा जोकि निर्दलीय प्रत्याशी प्रकाश बजाज के लिए समर्थन में थी उसकी जीत का प्लान कामयाब नहीं हो पाया और प्रकाश बजाज का पर्चा खारिज होते ही बाकी 10 का निर्विरोध चुनना तय हो गया है।

राज्यसभा की इस सीट की लड़ाई ने अब सूबे में नई जंग की शुरुआत कर दी है और अब बसपा ने इस खेल को बिगाड़ने की कोशिश मे लगे सपा को चेतवनी दे दी है कि आगे इसका खमियाजा भुगतना पड़ेगा। बसपा प्रमुख मायावती ने गुरुवार को सब से पहले बागी विधायकों को निलंबित किया। इसके बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सपा को हराने के लिए बसपा पूरी ताकत लगा देगी।

हम किसी दूसरे दल से नहीं मिले हैं और हम पर लगे सभी आरोप गलत – मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने गुरुवार को बागी विधायकों को निलंबित करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम किसी दूसरे दल से नहीं मिले हैं और हम पर लगे सभी आरोप गलत हैं। मायावती ने कहा, “सपा में परिवार के अंदर लड़ाई थी, जिसकी वजह से गठबंधन कामयाब नहीं हुआ, सपा से गठबंधन का हमारा फैसला गलत था”।

इस दौरान मायावती ने समाजवादी पार्टी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि सपा सरकार में मेरी हत्या का षड्यंत्र था। उन्होंने कहा कि मायावती ने कहा कि 1995 गेस्ट हाउस कांड का मुकदमा वापस लेना गलती थी, चुनाव प्रचार के बजाय अखिलेश यादव मुकदमा वापस कराने में लगे थे, 2003 में मुलायम ने बसपा तोड़ी उनकी बुरी गति हुई, अब अखिलेश ने यह काम किया है, उनकी बुरी गति होगी।

मायावती ने बागी विधायकों ने बारे में कहा कि सभी 7 विधायक निलंबित किए गए हैं। बागी विधायकों की सदस्यता रद्द की जाएगी। ये षड्यंत्र कामयाब नहीं होगा। एमएलसी के चुनाव में सपा को जवाब देंगे।

मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सपा को हराने के लिए बसपा पूरी ताकत लगा देगी। विधायकों को बीजेपी समेत किसी भी विरोधी पार्टी के उम्मीदवार को वोट क्यों ना देना पड़ जाए। मायावती ने कहा कि एमएलसी के चुनाव में सपा को जवाब देंगे। इनके पिता ने भी हमारे विधायक तोड़े थे। निलंबित विधायक बसपा में है। साथ ही उन्होंने सपा के प्रमुख अखिलेश यादव से मिलने की खबर को बेबुनियाद बताया।

सपा के निलंबित विधायकों का कहना है, “हमने बसपा नहीं छोड़ी है, हम कल भी बसपा से विधायक थे और आज भी हैं”। वहीं, अखिलेश यादव से मुलाकात को विधायकों ने अफवाह बताया है।

मायावती अपने बागी विधायक से निपटने के बाद सपा से दो दो हाथ करने के अन्दाज़ मे आ गई हैं। मायावती के तेवर अब सपा के प्रति आक्रमक हो चले है, जो अब तक इतने नही थे गठबंधन खत्म हो जाने के बाद, लेकिन अब इस राज्यसभा चुनाव के बाद विधान परिषद के स्नातक चुनाव मे साफ दिखने जा रहा है। अब बीजेपी इस नई लड़ाई को अपने फायदे में देख रही है।

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