वाशिंगटन,। अमेरिका के होने वाले राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपनी पहली कैबिनेट का ऐलान कर दिया है। बाइडन कैबिनेट में एंटनी ब्लिंकन को विदेश मंत्री बनाया गया है। हालांकि, ब्लिंकन पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यालय में उप विदेश मंत्री रहे। ऐसे में एक जिज्ञासा होती है कि ब्लिंकन के विदेश मंत्री रहते हुए भारत के साथ कैसे रिश्ते होंगे। ब्लिंकन का भारत के प्रति क्या नजरिया है। भारत-अमेरिका के संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। क्या राष्ट्रपति ट्रंप की तरह भारत और अमेरिका के संबंध बेहतर होंगे।
ब्लिंकन का क्या है भारत के प्रति नजरिया
ब्लिंकन के भारत के प्रति नजरिए को समझने के लिए उनके इस संदेश को जानना जरूरी है। ब्लिंकन ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावी कैंपेने के दौरान भारत के स्वतंत्रता दिवस पर कहा था कि जो बाइडन भारत के साथ मजबूत संबंध के हिमायती हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2002 में मैंने उनके साथ सीनेट की विदेश संबंध समिति के सदस्य के रूप में काम किया है। बाइडन भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने के पक्षधर हैं। ब्लिंकन ने कहा था कि यदि आप 15 वर्ष पहले जाएं तो बाइडन के पास भविष्य के लिए अमेरिका-भारत संबंधों की एक अच्छी यादें हैं। एक बेहतरीन तस्वीर है। उन्होंने 2006 में कहा था कि मेरा सपना है कि 2020 में दुनिया में दो सबसे करीबी रिश्तों वाले देश भारत और अमेरिका होंगे।
पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद प्रतिबंधों से काफी नाखुश थे बाइडन
1998 में देश में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी। उस वक्त भारत ने पोखरण परमाणु परीक्षण किया था, जिसके बाद भारत-अमेरिका के संबंध काफी तल्ख हो गए थे। अमेरिका ने भारत पर प्रतिबंध लगा दिया था। उस वक्त अमेरिका के इस स्टैंड से बाइडन काफी नाखुश थे। इसके बाद उन्होंने अपने बयान में कहा था कि भारत के रुख को लोगों ने गलत समझा। भारत ऐसा देश नहीं है, जो परेशान करेगा। भारत एक शांतिप्रिय देश है। वह लीबिया और इराक नहीं है। क्लिंटन काल से ही बाइडन भारत-अमेरिका के मजबूत संबंधों के पक्षधर रहे हैं। हालांकि, वॉशिंगटन स्थित थिंक टैंक हडसन इंस्टीट्यूट के एक कार्यक्रम में बाइडन के विदेश नीति सलाहकार एंटनी ब्लिंकेन ने कश्मीर में भारत सरकार के कुछ फैसलों पर गंभीर चिंता जताई थी।