ताइपेई (एजेंसी)। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने अपने एक लड़ाकू विमान (F-5E Fighter Jet) के दुर्घटनाग्रस्त होने की जानकारी दी है। हादसे में जेट सवार पायलट की मौत हो गई। फिलहाल दुर्घटना की वजह का पता नहीं चल पाया है। रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि विमान अपने रुटीन प्रशिक्षण मिशन पर था। जानकारी के मुताबिक, टेक ऑफ के दो मिनट बाद ही विमान क्रैश हो गया।
विमान जिस जगह हादसे का शिकार हुआ वो इलाका काफी संवेदनशील है। द्वीप के आस-पास चीन का दखल लंबे समय से चिंता का विषय बना हुआ है। जहां अत्याधुनिक हथियारों से लैस चीनी फौज तैनात है। यहां किसी भी समय अप्रत्याशित हमले या सैन्य कार्रवाई का खतरा बना रहता है।
मंत्रालय ने कहा कि चिहंग एयरबेस बेस से उड़ान भरी थी जो प्रशांत महासागर क्षेत्र स्थित ताइतुंग में क्रैश कर गया। पायलट, कैप्टन कुआन-मेंग ने जेट से इजेक्ट किया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। ताइवान ने 1970 के दशक में F-5E Fighter Jet को सैन्य बेड़े में शामिल किया था। समय समय पर इस मॉडल के कुछ विमान अपग्रेड भी किए गए थे।
ताइवान की एयरफोर्स के पास अमेरिका में बने एडवांस F-16 हाईटेक फाइटर जेट हैं। अमेरिका, ताइवान का प्रमुख सैन्य सहयोगी है। रक्षा मामलों पर ये देश अमेरिका पर निर्भर है। चीन से हमले से खतरे के बीच ताइवान ने देश की सुरक्षा के लिए 4 अरब डॉलर से ज्यादा का मिसाइल डिफेंस सिस्टम और अन्य सैन्य टेक्नालजी पर खर्च करने का फैसला किया था।
गौरतलब है कि चीन, ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। ताइवान की अमेरिका से नजदीकी भी उसे परेशान करती है। ताइवान के रक्षा सौदौं के दौरान से इतर बीजिंग पहले भी कई बार जरूरत पड़ने पर सेना का इस्तेमाल करके पूरे ताइवान के चीन की मेन लैंड में मिलाने की धमकी दे चुका है।