Covid-19: सख्त नियमों के बीच शुरू हुई जेईई मेंस परीक्षा, दिखी ‘न्यू नॉर्मल’ की झलक

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इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए होने वाली परीक्षा जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई)-मेंस मंगलवार को शुरू हुई। कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए परीक्षा का आयोजन सख्त सुरक्षा नियमों और सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों को अपनाते हुए करवाया गया। महामारी के चलते इन परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग की जा रही थी। बता दें कि पहले भी दो बार यह परीक्षा स्थगित की जा चुकी है। 

देशभर में परीक्षा केंद्रों के बाहर का नजारा महामारी के बीच ‘नए नॉर्मल’ की झलकियां दे रहा था। अभ्यर्थियों का केंद्र में प्रवेश और निकास, गेट पर सैनिटाइजर की व्यवस्था, मास्क वितरण और छात्रों का पंक्ति में सोशल डिस्टेंसिंग के बीच खड़ा होना यह बता रहा था कि अब यही ‘सामान्य’ है। परीक्षा स्थगित करने की मांग करते हुए छात्रों के संक्रमण से ग्रसित होने की आशंका जताई जा रही थी।
परीक्षा में नौ लाख से अधिक छात्रों ने किया है आवेदन
जेईई-मेंस बड़े स्तर की पहली परीक्षा है जिसका आयोजन कोरोना वायरस महामारी के बीच किया जा रहा है। यह परीक्षा एक सितंबर से छह सितंबर तक आयोजित होनी है। इस परीक्षा के माध्यम से आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान), एनआईटी (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) और केंद्र से सहायता प्राप्त टेक्निकल संस्थानों में प्रवेश के लिए नौ लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। 

ओडिशा, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने छात्रों को आश्वासन दिया है कि वह उनके लिए परीक्षा केंद्र तक आने-जाने के लिए संसाधन उपलब्ध कराएंगे। इसके साथ ही आईआईटी के पूर्व और वर्तमान छात्रों ने एक ऑनलाइन पोर्टल की शुरुआत भी की है। इस पोर्टल के माध्यम से जरूरतमंद परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के लिए यातायात सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। 

बंगाल में छात्रों को हुई दिक्कत, दिल्ली-एनसीआर में सामान्य
उधर, पश्चिम बंगाल में कई परीक्षार्थियों को भारी बारिश और यातायात सुविधाओं के अभाव के चलते परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वहीं, दिल्ली और एनसीआर में कोई प्रमुख शिकायत नहीं आई। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने परीक्षा स्थगित करने की मांग की थी। उन्होंने परीक्षाओं के आयोजन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाने की बात भी कही थी।

जेईई और मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए होने वाली परीक्षा नीट के आयोजन का विरोध करने वाले पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने अभ्यर्थियों की उचित चिंताओं पर ध्यान नहीं गिया है। अभ्यर्थी प्रवेश परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग कर रहे थे। राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार का यह व्यवहार भारत के भविष्य को खतरे में डाल रहा है।

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