– प्रयागराज में बनाया था कंट्रोल रूम, मास्टरमाइंड वाराणसी से करता था ऑपरेट
LUCKNOW: आईपीएल के मैचों में सट्टा लगाने वाले गैंग का एसटीएफ टीम ने राजफाश कर दिया। टीम ने मौके से पांच गैंग मेंबर्स को अरेस्ट करते हुए उनके कब्जे से 13 मोबाइल फोन, हिसाब की पांच डायरी, एक टीवी, एक सेटटॉप बॉक्स व एक कार बरामद की है। एसटीएफ के मुताबिक, पूरे गैंग का मास्टरमाइंड वाराणसी में बैठकर गोरखधंधे को ऑपरेट कर रहा था। उसकी सरगर्मी से तलाश शुरू कर दी गयी है।
वाराणसी में बैठा है मास्टरमाइंड
प्रभारी एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक, बीते दिनों इंफॉर्मेशन मिली कि आईपीएल मैचों में सट्टेबाजी जोरों पर है। जांच शुरू हुई तो पता चला कि यह गोरखधंधा प्रयागराज में लल्लू उर्फ रणवीर सिंह धड़ल्ले से संचालित कर रहा है। जिसके बाद एसटीएफ टीम ने प्रयागराज में छापेमारी कर मौके से लल्लू समेत पांच आरोपियों को अरेस्ट किया। पकड़े जाने पर उनकी शिनाख्त आनंद पटेल, सनी कश्यप और सोनू यादव के रूप में हुई। पूछताछ के दौरान लल्लू ने बताया कि पूरे गोरखधंधे का मास्टरमाइंड वाराणसी निवासी अजय भदौरिया है, जो वहीं से फोन के जरिए उन लोगों के संपर्क में रहता है और रुपये का लेनदेन करता है।
कमीशन पर काम करते थे आरोपी
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि बुकी कमीशन व कटिंग के जरिए इस कारोबार में रकम कमाता है। जिसका कुछ हिस्सा उन लोगों को भी मिलता था। अगर बुकी एक परसेंट कमीशन पर काम कर रहा है तो 100 रुपया हारने पर मुख्य बुकी को एक रुपया कमीशन मिलता है, जीतने पर कुछ भी नहीं मिलता है। सट्टे के रेट के बारे में आरोपियों ने बताया कि अगर किसी मैच का रेट अजय भदौरिया 42/44 खोलता तो इसका मतलब फेवरेट टीम को 42 और उसकी अपोजिट टीम को 44 का रेट दिया गया है। इसके तहत किसी फेवरेट टीम पर एक लाख लगाया तो बेट जीतने पर उसे 42 हजार रुपये मिलेंगे जबकि, जीतता है तो उसे एक लाख रुपये हासिल होंगे। छोटे बुकी द्वारा 42/44 रेट पर लगायी गयी तो बेट के पैसे से ही उसके ऊपर वाला बुकी अगर 43/45 की बेट लगाता है तो जीतने की दशा पर उसे अपने नीचे वाले व्यक्ति को 42 हजार रुपये देने पड़ेंगे और उसे 43 हजार रुपये प्राप्त होंगे।