छत्तीसगढ़ के बस्तर में माओवादियों ने गांव में स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेने पर महिलाओं सहित लगभग 40 से अधिक ग्रामीणों को बुरी तरह पीटा। पिछले एक दशक से, ग्रामीण इस गाँव में काला झंडा फहराते रहे हैं। प्रशासन आज सुरक्षा बलों के साथ स्वास्थ्य टीम वहां भेजने की योजना बना रहा है। माओवादी आस-पास के इलाके में डेरा डाले हुए हैं।
हालांकि राज्य गठन के 20 साल बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों ने पहली बार 15 अगस्त के दिन काला झंडा नही फहराया है। पुलिस अधिकारियों ने इसका कारण माओवादियों की ग्रामीणों में कम होती पकड़ और और सुरक्षाबलों के प्रति बढ़ता विश्वास बताया है।
73 वें स्वतंत्रता दिवस पर नक्सलियों ने अपने पकड़ वाले करीब 400 गांवों में काला झंडा नही फहराया। यह खबर राज्य सरकार और पुलिस के बड़े अधिकारियों के बीच एक विशेष चर्चा का विषय बनी रही।