रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को तीजा के अवसर पर प्रदेशवासियों और महिलाओं को शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के जन-जीवन में पारंपरिक तीज-त्योहार रचते हैं। इनका हमारी संस्कृति में विशेष महत्व रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपनी मूल संस्कृति से जुड़े त्योहारों और परंपराओं को सहेजने का हर संभव प्रयास कर रही है। प्रदेश में हरेली, तीजा, माता कर्मा जयंती, छठ पूजा और विश्व आदिवासी दिवस के दिन सार्वजनिक अवकाश की शुरूआत की गई है। इसके साथ ही लोक पर्वों के सामाजिक सरोकारों को बनाए रखने के लिए उनको जन सहभागिता से पूरे उत्साह के साथ मनाने की परंपरा शुरू की गई है।
बताते चलें कि तीजा मनाने के लिए बेटियों को पिता या भाई उन्हें ससुराल से मायके लेकर आते है। बुजुर्ग महिलाएं भी इस खास मौके का इंतजार करती हैं। इस मौके पर मायके में सहेलियां मिलकर अपना सुख-दुख साझा करती हैं। तीजा पर्व के एक दिन पहले करू भात ग्रहण करने की परंपरा है। तीज के दिन महिलाएं पति के दीर्घायु की मंगलकामना के साथ निर्जला व्रत रखती हैं और पूरी रात जागकर भजन-कीर्तन कर शिव-पार्वती पूजा करती है।