सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कई गांवों में बाढ़ के चलते आस-पास के राज्यों से संपर्क टूट गया है। ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में पिछले कई दिनों से लगातार बारिश होने के कारण गोदावरी नदी उफान पर है। इसी दौरान एक घटना सामने आई है। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान सीआरपीएफ जवान ने अंतिम सांस ली। उनके शव को ले जाने के दौरान बारिश के चलते सड़क डूब जाने से दो घंटे तक जवानों का वाहन फंसा रहा।
हालात को देखते हुए सीआरपीएफ के जवानों ने कंधा देकर जवान के शव को इंजरम नदी के पार पहुंचाया। सीआरपीएफ 219 बटालियन के सेकेंड कमांडेंट मोहन बिश्ट ने जवानों की मदद की थी। बता दें कि सहायक आरक्षक सोहन ठाकुर लंबे समय से बीमार चल रहे थे। जिला अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। इस बीच रविवार को अचानक उनका निधन हो गया। बाढ़ के खतरे के बीच जवानों ने अपने साथी का पार्थिव शरीर उनके परिवार वालों तक पहुंचाया।
बाढ़ के बादल अब सुकमा जिले के कई तटीय हिस्सों में मंडरा रहे हैं। खतरे को देखते हुए यहां से लोगों निकालकर राहत शिविरों में लाने के काम में दिनभर प्रशासनिक अमला लगा रहा। चिंतुर गांव में डूबान वाले इलाकों से लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है।
कोंटा में शबरी नदी का जलस्तर 14 मीटर पार करने के बाद यहां की पुरानी बस्ती के लोग घर खाली कर अपने रिश्तेदार के घरों और व राहत शिविरों में चले गए हैं। सुकमा में रविवार की शाम 6 बजे शबरी नदी का जलस्तर 8.40 मीटर रिकार्ड किया गया। झापरा गांव के पास शबरी नदी पर बने पुल के ऊपरी हिस्सों को छूकर पानी बह रहा था।