परीक्षाएं बनीं परेशानी का सबब

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देश भर मे कोरोना महामारी के मद्देनजर अनेक कॉलेजों ने इस साल प्रथम एवं द्वितीय वर्ष की वार्षिक एवं सेमेस्टर परीक्षाए न कराने और छात्रों को बिना परीक्षा अगली कक्षा मे प्रवेश देने के यूजीसी द्वारा दिये गए सुझावों को मानने का फैसला किया है।

दूसरी ओर इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने यूजीसी के सुझावों को दर किनार करते हुए प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के छात्रों को बिना परीक्षा आगामी कक्षा में प्रवेश न देने का फैसला किया है।

इतना ही नहीं, विश्वविद्यालय ने कहा है कि अगर हालात नहीं संभलते तो भी प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के छात्रों को अगली कक्षा में प्रौन्नति नहीं दी जायेगी बल्कि उन्हें अगली कक्षा की पढ़ाई कराई जाएगी और दिसम्बर माह में हालिया स्थगित परीक्षा लेकर ही उन्हें प्रौन्नति दी जाएगी और मार्च की वार्षिक परीक्षा में शामिल होने दिया जाएगा।

इससे तृतीय वर्ष के छात्रों की परीक्षा तो मज़ाक बनकर रह गई है।विश्विद्यालय के इस बयान से छात्रों और उनके अभिभावकों में खासा गुस्सा है। पहले से ही तनाव झेल रहे छात्र इस कारण और भी तनाव में हैं। कोरोना काल के कारण बदलती जीवन शैली और विश्विद्यालय द्वारा लिया गया गैर जिम्मेदाराना फैसला, छात्रों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है।

अब सब की नज़र 1 जुलाई को यूजीसी के द्वारा दिये जाने वाली दिशानिर्देश पर है। आशा है सभी महाविद्यालय एवं विश्विद्यालय यूजीसी द्वारा दी जाने वाले दिशानिर्देश का पूर्ण  रूप से पालन करेंगें।

Panned By-सादिया सिद्दिक़ी, मेधा

 

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