भोपाल । मध्य प्रदेश में बुधवार को 2346 नए मरीजों के साथ अब तक कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 1,13,057 हो गया है। मंगलवार सुबह आठ बजे से बुधवार सुबह आठ बजे के बीच प्रदेश के 26 जिलों में 42 कोरोना मरीजों की मौत हुई है। 24 घंटे में कोरोना से मौत का अब तक का ये सबसे बड़ा आंकड़ा है, हालांकि इसके पहले 19 सितंबर को भी 42 मरीजों की मौत हुई थी। कोरोना को लेकर भयावह स्थिति बनती जा रही है। सबसे ज्यादा मरीज सितंबर में बढ़े हैं। इसकी वजह यही है कि बाजार खुल रहे हैं, समय बढ़ गया है। उधर, लोग लापरवाही कर रहे हैं। मास्क और शारीरिक दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं। ऐसे ही अनदेखी होती रही तो लोगों को इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी। प्रदेश में कोरोना कितनी खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 23 सितंबर की स्थिति में 22,812 सक्रिय मरीज हैं। इनमें करीब 1100 मरीज आइसीयू में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। बड़े शहरों में गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर वाले बिस्तर नहीं मिल पा रहे हैं। इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में आइसीयू के 95 फीसद से ज्यादा बिस्तर भरे हैं। यहां जिला अस्पतालों के आइसीयू में ही कुछ बिस्तर खाली हैं। 18 सितंबर के बाद से संक्रमण दर (जांचे गए सैंपल में संक्रमितों की संख्या) 10 फीसद से ऊपर बनी हुई है। अगस्त में मरीजों की कुल संख्या प्रदेश में 32,159 थी। इनमें से 527 मरीजों की मौत हुई थी। सितंबर के पहले 23 दिन में ही 43,916 नए मरीज मिले हैं। यह अगस्त माह में मिले मरीजों से 37 फीसद ज्यादा है। इसी तरह से अगस्त के मुकाबले सितंबर में (23 तारीख तक) 16 फीसद ज्यादा मौतें हुई हैं। हर दिन 25 से ज्यादा मरीजों की मौत हो रही है। 31 अक्टूबर तक प्रदेश में 55 हजार सक्रिय मरीज होने का अनुमान स्वास्थ्य विभाग ने लगाया है। इतने मरीज होने पर अस्पतालों में बिस्तर तक नहीं मिल पाएंगे। अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने के लिए मेडिकल ऑक्सीजन नहीं मिल रही है। डॉक्टर-नर्स भी कम पड़ रहे हैं।मरीज बढ़ने के साथ ही गंभीर मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। मौत का आंकड़ा भी बढ़ा है।