मप्र हाईकोर्ट बार एसोसिएशन चुनाव:भोपाल के वरिष्ठ अधिवक्ता विजय चौधरी बने 18वें अध्यक्ष, सर्वसम्मति से हुआ चुनाव
मध्यप्रदेश बार एसोसिएशन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष विजय चौधरी का फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया।
25 सदस्यों ने सर्वसम्मति से चुना, एक सितम्बर 2021 तक रहेगा कार्यकाल
कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के 10 वर्षो तक रह चुके हैं अध्यक्ष
वर्तमान में भोपाल बार एसोसिएशन के भी हैं अध्यक्ष
मप्र हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के 25 निर्वाचित सदस्यों ने शनिवार को सर्वसम्मति से वरिष्ठ अधिवक्ता विजय चौधरी को अध्यक्ष चुन लिया। भोपाल बार एसोसिएशन के वर्तमान अध्यक्ष विजय चौधरी कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के 10 वर्षों तक अध्यक्ष रह चुके हैं। अध्यक्ष का कार्यकाल वैसे तो पांच वर्षों की होती है, पर विजय चौधरी इस पद पर एक सितम्बर 2021 तक रहेंगे। इसके बाद अगला अध्यक्ष चुना जाएगा। निर्वाचन के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता
रामेश्वर नीखरा भी मौजूद रहे।
नवनिर्वाचित अध्यक्ष विजय चौधरी।
एडीजे से हैं रिटायर
नवनिर्वाचित अध्यक्ष विजय चौधरी ने बताया कि उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, कार्यकारिणी और कमेटियों का चयन 19 दिसंबर को होगा। 70 वर्षीय चौधरी एडीजे से रिटायर होने के बाद भोपाल में प्रैक्टिस कर रहे हैं। भोपाल जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष का भी उनका कार्यकाल तीन अप्रैल 2021 तक है। विजय चौधरी ने कहा कि वकीलों की समस्याओं के लिए सीएम और चीफ जस्टिस से मुलाकात करेंगे। बार काउंसलिंग प्रदेश के सभी अधिवक्ताओं की कोरोना संक्रमण के बीच आर्थिक स्थिति देखते हुए जल्द ही पांच से सात करोड़ रुपए जारी करेगा। एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट पर केंद्र सरकार से जल्द संशोधन कराने का प्रयास करेंगे।
स्टेट बार सभाकक्ष में पूरी हुई निर्वाचन प्रक्रिया
हाईकोर्ट परिसर स्थित स्टेट बार सभाकक्ष में स्टेट बार कौंसिल के सभी 25 निर्वाचित सदस्यों ने चुनाव प्रक्रिया में शामिल हुए। अध्यक्ष पद के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता विजय चौधरी के नाम का प्रस्ताव रखा गया। सभी ने सहमति प्रदान कर दी। भोपाल से निर्विरोध निर्वाचित होने वाले विजय चौधरी पहले अध्यक्ष हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर नीखरा के साथ नवनिर्वाचित अध्यक्ष विजय चौधरी।
ये है चुनाव की प्रक्रिया
बार कौंसिल के अध्यक्ष के लिए 25 में से 13 सदस्यों का समर्थन आवश्यक होता है। 16 सितंबर को 25 सदस्यीय स्टेट बार कौंसिल के चुनाव परिणाम घोषित कर दिए गए थे। इस बार जबलपुर से सर्वाधिक आठ सदस्य निर्वाचित हुए हैं, जबकि ग्वालियर और इंदौर से चार-चार, भोपाल-सागर व रीवा से दो-दो, उज्जैन-शहडोल व गाडरवारा से एक-एक सदस्य निर्वाचित हुए हैं।
इस तरह चुने गए थे सदस्य
मतगणना में प्रथम वरीयता के निर्धारित कट ऑफ से अधिक वोट पाने वाले प्रत्याशी स्वयं चयनित होते हैं, जबकि कट ऑफ से कम प्रथम वरीयता के वोट पाने वाले अंतिम क्रमांक से एक-एक कर विलोपित होते हैं। विलोपित होने वाले प्रत्याशियों के प्रथम वरीयता के वोट उसके पूर्व के क्रमांक वाले प्रत्याशी को स्थानांतरित कर दिए जाते हैं। प्रथम वरीयता का कट ऑफ वोट पाने के बाद उसके द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ के क्रम में सभी 25 वरीयता के वोट निश्चित प्रतिशत के साथ गिने जाते हैं। कट ऑफ पूरा करने वाले प्रत्याशी 25 से अधिक होने की दशा में उनके द्वितीय फिर तृतीय इस प्रकार वरीयता के घटते क्रम में मिले वोटों से उनका चयन होता है। ये सदस्य फिर अध्यक्ष चुनते हैं।