- देवनगरी बड़गांव पर भी कवियों ने की अपनी कविता पाठ
- बड़गांव के वर्चुअल कवि सम्मेलन को लगभग दो लाख लोगों ने देखा
बिहारशरीफ (आससे)। सूर्यनारायण जागृति मंच द्वारा आयोजित बड़गांव छठ महोत्सव के दूसरे दिन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें देशभर के ख्यातिलब्ध प्रतिष्ठित कवियों ने अपने-अपने कव्यपाठ से सूर्यनगरी बड़गांव के आंगन को सराबोर कर दिया। अतिथि कवियों में अंतरराष्ट्रीय कवि-युगल डॉ अनामिका जैन अम्बर और सौरभ जैन सुमन की सारस्वत उपथिति रही। वही देश के प्रसिद्ध हास्य कवी मेरठ से डॉ प्रतीक गुप्ता, दिल्ली से डॉ अरुण पांडेय, डॉ सत्येंद्र सत्यार्थी, कोलकाता से ओज का प्रखर स्वर नवीन कुमार सिंह ने शानदार कव्यपाठ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मगध के वरिष्ठ कवि उमेश प्रसाद उमेश ने किया व संचालन सूर्यनारायण जागृति मंच के मार्गदर्शक व युवा कवि संजीव कुमार मुकेश ने किया।
सम्मिलित अतिथि कवियों का स्वागत मंच के संयोजक अखिलेश कुमार ने किया जबकि धन्यबाद ज्ञापन पंकज कुमार ने किया। इस अवसर पर संजय सिंह, पप्पी कुमार, बिपिन कुमार, नवलेश कुमार सहित कई सूर्यसेवको ने भी अपनी उपथिति दर्ज किया।
प्रसिद्ध कवि व एम्स नई दिल्ली के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ अरुण पांडेय ने शानदार शुरुआत की। उन्होंने ‘‘तुमने हमको अपना समझा, छठ मैया ये जीवन धन्य हुआ है’’ कविता का पाठ किया। कलकत्ता के युवा ओज कवि नवीन कुमार सिंह ने अपनी ओजस्वी कविता से कवि सम्मेलन के शिखर तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त किया उन्होंने अपने हिंदुस्तान के लिए ‘‘धरती की पूजा में मुझको मान दिखाई देता है, भारत माँ की मूरत में भगवान दिखाई देता है’’ पंक्तियां पढ़ी और श्रोताओं में देश प्रेम का अलख जगाया।
देश में हास्य के सशक्त हस्ताक्षर ‘‘सब कुछ ओरिजिनल है’’ टीवी शो के संचालक डॉ प्रतीक गुप्ता की हास्य की फुलझड़ियों के साथ गंभीर बातें दिल को छू गईं। उन्होंने बिहार और बिहारियों के लिए शानदार पंक्तियाँ पढ़ी। मगध के राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिलब्ध कवि डॉ सत्येंद्र सत्यार्थी ने पूरे मगध सहित बिहार की तासीर को रिखांकित किया उन्होंने कहा ‘‘सब कहते छिपते सूरज को कौन नमन करता है, घर के वृद्धों का आदर से कौन भरण करता है। यह पूर्वांचल की माटी छिपते सूरज को नमन करे, इसी तरह घर के वृद्धों का आदरपूर्वक ध्यान धरे..’’।
कार्यक्रम के संयोजक सूर्यनारायण जागृति मंच के मार्गदर्शक व नालंदा के युवा कवि संजीव कुमार मुकेश ने बड़गांव की महत्ता को एक मगही गीत के माध्यम से रखा। उन्होंने ‘‘जहाँ पहिली किरिनियाँ आब हई दबे पाँव, चल चल हो भैया देव नगरी बड़गांव’’ की प्रस्तुति की।
मेरठ से जुड़े देश के सुप्रसिद्ध आज कवि व श्रेष्ठ मंच संचालक सौरभ जैन सुमन जी ने जब काव्य पाठ आरंभ किया तो कवि सम्मेलन अपने शिखर पर पहुँच हजारों की संख्या में जुड़े श्रोताओं की प्रतिक्रिया कार्यक्रम की सफलता बयाँ कर रही थी। सौरभ जैन सुमन ने अपनी पंक्तियों से देश कोरोना संकट के हालात को ‘‘आखिर कितना रोना होगा?, कितनों को कोरोना होगा?’’ शब्दों से अभिव्यक्त किया।
जी न्यूज पर कवि युद्ध शो की संचालिका व अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवयित्री डॉ अनामिका जैन अम्बर के कव्यपाठ ने कवि सम्मेलन को उतुंग शिखर पर पहुंचाया। भगवान भास्कर को शब्द अर्घ देते हुए डॉ अनामिका जैन अम्बर ने ‘‘धन्यवाद हे सूर्यदेव, है नमन धरा के कण कण का, हे ऊर्जा के स्रोत, प्रकाशित तुमसे जग, लेखा क्षण का’’ का पाठ किया। श्रोताओं की फरमाईस पर उन्होंने कई मुक्तक, गीत, प्रतिगीत सुनाया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ कवि उमेश प्रसाद उमेश ने आपने अध्यक्षीय कव्यपाठ से एक अमिट छाप छोड़ी। ‘‘उगल चान खंडहर पर टुह-टुह, सुबह सुरुज के लाली हो। सब भाषा के मागधी जननी, कस के पिट ताली हो..’’ के साथ उन्होंने मगध की गरिमा का बखान किया। इस वर्चुअल कवि सम्मेलन की पहुंच लगभग 2 लाख लोगों तक हुई लगभग एक लाख लोगों ने इस कार्यक्रम को देख लिया है।