बिहारशरीफ: कोरोना संकट पर भारी पड़ी छठ की आस्था

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बिहारशरीफ (आससे)। छठ पूजा में कोरोना संकट पर भारी पड़ी छठ मईया की आस्था। प्रशासन के तमाम अपील और निर्देश के बावजूद शहर से लेकर गांव तक भारी संख्या में लोग छठ घाटों पर पहुंचे। इस दौरान कुछेक स्थानों को छोड़कर कहीं भी सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रखा गया था। लोग आपस में टकराते रहे। भीड़ के आगे सोशल डिस्टेंसिंग फेल रही। छठव्रती द्वारा मास्क पहनने की बात तो दूर छठ घाट जाने वाले गिने-चुने लोग हीं मास्क पहने दिखे।

कोविड-19 को लेकर राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने छठ पूजा के दौरान कम से कम लोगों को छठ घाट पर जाने की अपील की थी और इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ ही मास्क लगाने की अपील की गयी थी। लेकिन इसका कोई असर नहीं दिख। वजह यह है कि कई दिन पूर्व से चल रही छठ की खरीदारी पर भी कहीं लोग सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का प्रयोग करते नहीं दिख रहे थे। पर्व-त्योहारों में लोग कोविड को इस तरह भूल गये मानो कोविड समाप्त हो चली है।

हालांकि शहर के इर्द-गिर्द के कुछेक घाटों की लोग तारीफ करते थक नहीं रहे है। जहां लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे थे। महलपर से आगे गोइठवा नदी घाट पर स्वयं सेवकों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया था, जहां दूरी-दूरी पर छठव्रती माताओं को परिवार के साथ ठहरने के लिए रेखांकित किया गया था और लोग एक-दूसरे से दूरी बनाकर अपने परिवार के लिए निर्धारित स्थान पर खड़ा दिख रहे थे।

लेकिन शहर के इर्द-गिर्द के घाटों पर नजर डालें तो चाहे कोसुक स्थित पंचाने नदी का घाट हो या फिर बिहारशरीफ जेल के पास पंचाने नदी की घाट। यहां कोई सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने जैसी बात नहीं दिख रही थी। यही हाल बियावानी घाट पर भी रहा। बाबा मणिराम अखाड़ा घाट पर तो भीड़ कुछ और ज्यादा थी। धनेश्वर घाट स्थित तालाब में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा था। यही हाल मोरातालाब सूर्य मंदिर तालाब से लेकर पुरानी जेल रोड तालाब में भी दिख रही थी।

भले हीं प्रशासन ने ऐतिहासिक सूर्य मंदिर बड़गांव तथा औंगारीधाम में मेला ना लगने की बात कही थी, लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ इस कदर जुटी की यह मेला का शक्ल ले लिया। इन दोनों धार्मिक स्थलों पर भी कोविड गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ी। यही हाल प्रायः ग्रामीण क्षेत्रों का भी रहा। चाहे प्रखंड मुख्यालय के छठ घाट रहे हो या फिर ग्राम-गांवों का। सभी स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ और ना हीं लोग मास्क लगाये दिखे।

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