- जिले के विभिन्न देवी मंदिरों में कलश स्थापना कर शुरू किया जा चुका है पूजा
- कोविड को लेकर ना बन रहा पंडाल और ना बज रहा है लाउडस्पीकर
बिहारशरीफ (आससे)। कलश स्थापना के साथ शक्ति की अधिष्ठात्री मां दुर्गा की उपासना का नौ दिवसीय अनुष्ठान शारदीय नवरात्र शनिवार से शुरू हो गया। इसके साथ हीं गांव से लेकर शहरों तक माता रानी के जयकारे गूंजने लगे। सुबह से हीं पुरोहितों द्वारा वैदिक मंत्रेच्चारण के साथ कलश स्थापना का कार्य शुरू हो गया जो देर दिन चढ़ने तक जारी रहा। लोग अलग-अलग समयों में कलश स्थापना कर नवरात्र पाठ की शुरुआत की।
इसके साथ ही शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न देवी मंदिरों में भी कलश स्थापित कर मां की पूजा और आराधना का काम शुरू हो गया है। अगले नौ दिनों तक श्रद्धालु एवं भक्तजन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की उपासना करेंगे। आज पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की आराधना की गयी। आगामी कल द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होगी।
कोविड 19 को ध्यान में रखते हुए जारी गाइडलाइन के अनुरूप इस बार दुर्गा पूजा के अवसर पर पंडालों का निर्माण नहीं हो रहा है और ना हीं मां के विभिन्न स्वरूपों की विशालकाय प्रतिमाएं लगायी जा रही है। प्रायः पूजा समितियां मां की छोटी-छोटी प्रतिमाएं स्थापित करने की तैयारी में है। कोरोना को लेकर पूजा स्थलों में ध्वनि विस्तारक यंत्र के बजाये जाने पर लगे रोक हीं कारण रहा कि कहीं भी लाउडस्पीकर नहीं बजा।
बिहारशरीफ के गढ़पर स्थित मनोकामना मंदिर, गढ़पर स्थित देवी दुर्गा मंदिर, भराव पर स्थित बड़ी दुर्गा मंदिर, सोहसराय दुर्गा मंदिर, मां मंगला गौरी मंदिर, अंबेर चौक स्थित मां वैष्णो मंदिर, भरावपर में हीं पुलपर रोड स्थित मां देवी मंदिर, पावापुरी के घोसरावां स्थित मां आशापुर्णी मंदिर, मघड़ा स्थित मां शीतला मंदिर, पावापुरी मोड़ स्थित जय मां अंबे लोक मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों में मां देवी की आराधना कलश स्थापना के साथ शुरू हो चुका है। नवरात्र को लेकर बाजारों में चहल-पहल बढ़ गयी है। फल दुकानों से लेकर किराना दुकानों में पूजन सामग्री की बिक्री भी बढ़ी हुई है।