वाराणसी। हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव कक्कु की कोरोना संक्रमण के चलते इलाज के दौरान मौत के बाद अब इस मामले में सियासत गरमाने लगी है। सोशल मीडिया पर पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष की मौत के बाद का एक वीडियो और मौत से पहले का ऑडियो वायरल होने के बाद वाराणसी में कोविड 19 मरीजों के उपचार व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़ा होने लगा है। इसे लेकर शनिवार को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की नेता रीबु श्रीवास्तव ने प्रशासन के नाम ज्ञापन सौंपा है।
रीबु श्रीवास्तव ने जिला मुख्यालय पहुंचकर एसीएम फोर्थ शुभांगी शुक्ला को इस पूरी घटना के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा तथा घटना की जांच कराने की मांग करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
रीबू श्रीवास्तव ने मीडिया से कहा कि हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव एक बहुत ही संवेदनशील इंसान थें। सोशल मीडिया पर भी एक ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह अपने अंतिम समय के पहले कह रहे थें कि मुझे यहां से ले चलो वरना मैं बच नहीं पाउंगा। आखिर में उनकी मौत हो गई और जब उनकी मौते के बाद उनका शव लाया गया तो कोरोना प्रोटकॉल के अनुसार बॉडी को दो लेयर में सैनिटाइज करके हरिश्चंद्र घाट तक नहीं लाया गया।
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं एम्बुलेंस में भी दो सहायकों को आकर परिजनों को शव सौंपना होता है वह भी नहीं किया गया। शव भी पीठ की तरफ था, उऩके परिजन जब शव निकाल रहे थें तो सर और हाथ भी बाहर थें, जो घोर लापरवाही को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण में किसकी लापरवाही है इसकी जांच होनी चाहिये। प्रशासन से लापरवाही हुई या स्वास्थ्य विभाग से या हमारे पास इतने स्वास्थ्य कर्मचारी नहीं हैं कि लोगों का सही ढंग से इलाज हो सके।
रीबू श्रीवस्ताव ने कहा कि हमने अपने स्तर से पता किया तो पता चला कि बीएचयू में एकसाथ 50 संविदाकर्मी छुट्टी पर चले गये हैं क्योंकि उन्हें 2 महीने से वेतन तक नहीं मिला है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो पूरे जिले में जो महामारी फैल रही है उनके इलाज के लिए कोई सेवा कर्मचारी बचेगा ही नहीं।
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की नेता ने जिलाधिकारी से यह मांग की है कि इस लापरवाही की शासन स्तर पर जांच होनी चाहिये। सरकार को सही ढंग से सेवा कर्मचारियों की डॉक्टरों का इंतजाम करना चाहिये ताकि जिस तरह से सुशील श्रीवास्तव के शव के साथ दुर्गति हुई है वह किसी और के साथ न हो सके।