-आज समाचार सेवा-
लखनऊ (आससे.)। गैंगस्टर विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे, भाई दीप प्रकाश समेत 36 लोगों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लखनऊ ने सोमवार को मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मुकदमा दर्ज किया है। कानपुर में चौबेपुर क्षेत्र के बिकरु गांव में हुए शूटआउट के 77 दिन बाद दर्ज इस एफआईआर में विकास गैंग के खास सदस्य और उसके खजांची जय बाजपेयी का भी नाम शामिल है। जय बाजपेयी जेल में है। कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरु गांव में दो जुलाई की रात दबिश देने पहुंची पुलिस टीम पर फायरिंग कर गैंगस्टर विकास दुबे ने सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। इस प्रकरण की सुप्रीम कोर्ट के निर्देशन में तीन सदस्यीय आयोग, एसआईटी और ईडी जांच कर रहा है। अब ईडी ने विकास दुबे, उसके परिवार वालों और खास लोगों पर अपना शिकंजा कसा है। यूपी सरकार ने ईडी को लिखा था पत्र : प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में गैंगस्टर विकास दुबे और उसके परिवारीजन के अलावा उसके करीबी खजांची जय बाजपेयी की संपत्तियों की भी जांच करेगा। बिकरू कांड के बाद एजेंसी ने विकास दुबे और उसके करीबियों की संपत्तियों और दस्तावेजों की पड़ताल थी। वहीं, यूपी सरकार की तरफ से भी जय बाजपेयी की संपत्तियों की जांच के लिए भी ईडी को पत्र लिखा गया था। अब एजेंसी जल्द इन सभी आरोपियों की चल-अचल संपत्तियों का पता लगाकर उनकी जब्ती की कार्रवाई शुरू करेगी। कानपुर का बिकरू कांड बता दें कि दो-तीन जुलाई की रात गैंगस्टर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की टीम कानपुर में चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव गई थी। यहां पर बीच सड़क पर जेसीबी लगाकर पुलिस की जीप रोक दी गई। पैदल आगे बढ़ी पुलिस टीम पर विकास के गुर्गों ने ताबड़तोड़ फायरिंग क दी। इस घटना में बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा समते आठ पुलिसवाले शहीद हो गए थे। इस घटना ने पूरे देश को हिला दिया था। पुलिस घटना के मुख्य आरोपी विकास दुबे समेत उसके मामा प्रेम प्रकाश पांडेय, उसके करीबी अतुल दुबे, प्रभात मिश्रा को एनकाउंटर में ढेर कर चुकी है।