नई दिल्ली: फ्रांस इन दिनों सुर्खियों में है। हाल ही हिस्ट्री टीचर सैमुअल पैटी की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद फ्रांस कट्टरपंथियों पर लगातार शिकंजा कस रहा है। फ्रांस के राष्ट्रपति एमानुअल मैक्रॉन के ‘इस्लामिक आतंकवाद’ के बयान के बाद से ही फ्रांस लगातार निशाने पर है। इस बीच फ्रांस के नीस शहर में चाकूबाजी (Nice Attack) की एक बार फिर घटना सामने आई है। घटना नीस के चर्च में होना बताई जा रही है। एक अटैकर ने महिला का गला रेतकर हत्या कर दी। साथ ही कई अन्य लोगों पर भी हमला बोल दिया। जिससे एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई और कई घायल हो गए।
शहर के मेयर ने स्थानीय पुलिस अधिकारियों को घटना के खिलाफ तत्काल कार्रवाई के लिए कहा है। मेयर ने कहा, हमारे नगरपालिका पुलिस अधिकारियों का शुक्रिया, जिन्होंने नॉट्रे डेम सेक्टर में चाकू से हमला करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। मेयर ने इसे आतंकी घटना करार दिया है।
मेयर ने कहा, मैं नीस के लोगों से पुलिस और आपातकालीन सेवाओं को काम करने के लिए क्षेत्र में जाने से बचने के लिए कहता हूं। मेयर ने बताया कि हमला शहर के नोट्रे डेम चर्च में या उसके पास हुआ और पुलिस ने हमलावर को हिरासत में ले लिया। हालांकि हमले का मकसद अभी तक स्पष्ट नहीं है। गृह मंत्री लोगों से आग्रह कर रहे हैं कि क्षेत्र में आने से बचें क्योंकि पुलिस की जांच और बचाव चल रहा है। हमले के तुरंत बाद एक इमरजेंसी बैठक भी शुरू हो गई है।
कहां से शुरू हुआ विवाद
पिछले दिनों फ्रांस में टीचर सैमुअल पैटी की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। एक 18 साल का युवक पैटी द्वारा क्लास में पैगंबर के विवादित कार्टून दिखाए जाने से खफा था। हालांकि पुलिस ने उसे भी गोली मार दी थी। इसके बाद से ही फ्रांस सरकार लगातार ‘इस्लामिक कट्टरवाद’ को निशाना बना रही है। फ्रांस सरकार ने कट्टरपंथियों को देश से बाहर निकालने का भी आदेश दिया है।
फ्रांस के खिलाफ इस ‘धर्मयुद्ध’ में अरब कंट्रीज ने जंग छेड़ रखी है। अरब देश अपने रिटेल स्टोर्स से फ्रांस के प्रोडक्ट्स को हटा रही हैं। फ्रांस के प्रोडक्ट्स का बायकॉट करने का भी अभियान चलाया जा रहा है। हालांकि मैक्रॉन का कहना है कि उनका देश सेक्यूलर परंपरा और फ्रीडम ऑफ स्पीच की गारंटी देना जारी रखेगा।
2015 में चार्ली हेब्दो पत्रिका के कार्यालय पर आतंकी हमला हुआ था। जिसमें 12 लोग मारे गए थे। इनमें पत्रिका के सबसे चर्चित कार्टूनिस्ट भी शामिल थे। पत्रिका में पैगंबर से जुड़े कार्टून प्रकाशित किए गए थे। फ्रांस में इस केस की सुनवाई की जा रही है। पिछले दिनों चार्ली हेब्दो के पुराने कार्यालय पर भी चाकूबाजी की घटना सामने आई थी। चार्ली हेब्दो ने तुर्की के राष्ट्रपति का कार्टून छापकर अपनी भड़ास निकाली है।