बिहारशरीफ: हरियाली नूरसराय के सौजन्य से हिंदी साहित्य सम्मेलन नें बांटा निःशुल्क छः सौ फलदार पौधा

मिशन हरियाली के 33 लोग 52 महीने में 14 सौ शिक्षक संस्थान और तीन सौ गांवों में बांट चुके हैं 6 लाख 15 हजार निःशुल्क पौधा

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बिहारशरीफ (आससे)। मिशन हरियाली नूरसराय के सहयोग से साहित्यकारों व युवाओं ने अस्थावां प्रखंड के जियर और कुलती गांव में लगभग 600 अमरूद, कटहल तथा शरीफा का पौधा का निःशुल्क वितरण किया। नालंदा जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में साहित्यकारों व युवाओं ने पर्यावरण से जुड़े इस कार्यक्रम में अपनी सक्रियता दिखाई।

वरिष्ठ साहित्यकार तथा प्रसिद्ध मगही कवि उमेश प्रसाद ‘‘उमेश’’ ने पर्यावरण संरक्षण और फलदार पौधे के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने फलदार पौधों के अलावा, बरगद, पीपल जैसे बड़े वृक्षों के लगाने हेतु लोगों में उत्साह भरा और लोगों को जागरूक किया।

मिशन हरियाली के मार्गदर्शक महेंद्र कुमार विकल ने मिशन हरियाली के उद्देश्य व पर्यावरण के गिरते स्तर और उससे हो रहे नुकसान की चर्चा की। उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर हरियाली है तब जीवन है। आने वाली पीढ़ियों को अगर हमें शुद्ध हवा देनी है तो इसके प्रति सतर्क रहना होगा। पेड़ लगाना और बचाना होगा। मगही कवि उमेश बहादुरी ने कविता पाठ किया। इस अवसर पर राकेश भारती ने भी पर्यावरण संरक्षण पर अपनी बातों को रखा। धन्यवाद ज्ञापन युवा लेकर विकास ने किया।

इस अवसर पर अधिवक्ता विकास शर्मा, शंकर सिंह, पंचायत के पूर्व मुखिया चुन्नु सिंह, रामसिंह, बबन सिंह, वैभव, विकास, सिन्टू कुमार, बबलू सिंह, संतोष कुमार, विकास कुमार, रघुवंश, कन्हैया, नंदन कुमार, गुड्डू सिंह, अनमोल कुमार, सीताराम सिंह, अनिल सिंह, शैलेंद्र सिंह, नागेंद्र सिंह, अशोक सिंह, उत्तम सिंह, भोला कुमार, मूरत सिंह, दामोदर सिंह, नरेश सिंह, भूषण सिंह सहित काफी संख्या में ग्रामीणों ने हिस्सा लिया।

बताते चले कि मिशन हरियाली जून 2016 से हीं पर्यावरण संरक्षण के लिए जिले के और आसपास के जिलों के साथ-साथ झारखंड के कुछ इलाकों में काम कर रही हैं 52 महीनों में इस संस्था के 33 सदस्यों और मित्र परिवारों के माध्यम से लगभग 14 सौ शिक्षण संस्थान और तीन सौ गांवों में जाकर बच्चों और ग्रामीणों के बीच 6 लाख 15 हजार पौधों का निःशुल्क वितरण किया गया है।

निजी जमीन पर रोपित पौधों की संरक्षा के प्रति संस्था जागरूता पैदा करती रही है। निःशुल्क रूप में वितरित किये गये अधिकांश पौधे अमरूद, कटहल, शरीफा, महोगनी आदि का है। संस्था का उद्देश्य पर्यावरण के सरंक्षा के साथ-साथ गांव के अंतिम व्यक्ति के बच्चों को फल मिल सके है और इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है।

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