कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत की 87 सदस्यीय विधानसभा के लिए आठ भारतीय-कनाडाई लोगों को चुना गया है। सभी आठ चुने गए लोग सत्तारूढ़ न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के हैं। पार्टी को 87 सदस्यीय सदन में 55 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत हासिल हुआ है। शनिवार को हुए चुनावों में 27 भारतीय मूल के उम्मीदवार मैदान में थे। यहां गौर करने वाली बात यह है कि इस चुनाव में तीन भारतीय-कनाडाई महिलाएं भी शामिल हैं।
ब्रिटिश कोलंबिया में पहली बार पगड़ीधारी सिख विधायक बनकर प्रसिद्ध मानवाधिकार वकील अमन सिंह ने इतिहास रचा। भारतीय मूल के अधिकतर उम्मीदवारों को उन सीटों पर जीत हासिल हुई है, जहां भारतीय बड़ी तादाद में रहते हैं। इसमें सबसे ज्यादा सीटें सरे से आई जो वैंकूवर के बाहरी इलाके में स्थित है।
जीत हासिल करने वाले प्रमुख लोगों में श्रम मंत्री हैरी बैंस, डिप्टी स्पीकर राज चौहान, पूर्व मंत्री जिनी सिम्स और संसदीय सचिव जगरूप ब्रार और रवि कहलों शामिल हैं। जालंधर के पास हरदासपुर गांव से आने वाले बैंस 2005 से लगातार सरे-न्यूटन से जीतते आ रहे हैं। इस बार के चुनाव में उन्होंने लिबरल पार्टी के पॉल बोपाराय को हराकर अपनी सीट बरकरार रखी है।
वहीं, उप सभापति राज चौहान ने भी लिबरल पार्टी के तृत्व अटवाल और ग्रीन पार्टी के इकबाल पारेख को चुनावी मैदान में हराया है। इस जीत के साथ ही उन्होंने बर्नाबी-एडमंड्स की अपनी सीट को बरकरार रखा है। चौहान 1973 में छात्र के रूप में पंजाब से कनाडा आए थे।
दूसरी तरफ, सत्तारूढ़ दल के जगरूप ब्रार ने लिबरल पार्टी के गैरी थिंड को भी पीछे छोड़कर सरे-फ्लीटवुड की अपनी सीट बरकरार रखी। एक पूर्व भारतीय बास्केटबॉल खिलाड़ी, ब्रार ने 2004 से अब तक पांच बार ये सीट जीती है।
महिला विजेताओं में, जेनी सिम्स (जोगिंदर कौर) ने सरे-पैनोरमा निर्वाचन क्षेत्र में अपने साथी पंजाबी डॉ. गुलजार चीमा को हराया। सत्तारूढ़ पार्टी के रचना सिंह ने लिबरल पार्टी के दिलराज अटवाल को हराकर अपनी सरे-ग्रीन टिम्बर्स सीट को बरकरार रखा। सत्तारूढ़ एनडीपी की निक्की शर्मा ने वैंकूवर-हेस्टिंग्स से जीत हासिल की।