अलीगढ: 2.20 अरब की जमीन पर चला प्राधिकरण का ‘पंजा’

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अलीगढ। टप्पल के गांव कुराना में कुछ लोगों ने किसानों से जमीन तो खरीद ली लेकिन यमुना विकास प्राधिकारण से कालोनियां स्वीकृत नहीं कराई। गांव कुराना के पास करीब 2.20 लाख वर्ग मीटर जमीन पर आधा दर्जन से अधिक कालोनी हैं, इन्हें बेचना भी शुरू कर दिया। यमुना विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने गुरूवार को बडी कार्रवाई करते हुए करीब सवा दो अरब जमीन को मुक्त कराया। इसके साथ उन्होंने चेतावनी दी कि अगर दोबारा कब्जा हुआ तो सीधे जेल भेज जाएंगे।

गांव कुराना में कुछ लोगांे ने किसानों से जमीन खरीदी और उन्हांेने कालोनियां काटनी शुरू कर दी। यह काम काम समय से चल रहा था, लोगों ने इन कालोनियों में अपने सपनों के आशियाने के लिए जमीन भी खरीदी तो कुछ ने सौदा तय करके एडवांस भी दे दिया। पिछले दिनों यमुना विकास प्राधिकरण के अफसरों को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने कालोनी काटने वालों को नोटिस जारी करते हुए दस्तावेज मांगे लेकिन कोई भी अपने सही दस्तावेज नहीं दिखा सका। अफसरों ने जांच की तो पता चला कि 2.20 लाख वर्ग मीटर में कालोनियां काटी गई है। गुरूवार को मुख्य कार्यपालक अधिकारी डाॅ. अरुण वीर सिंह के निर्देशन में विशेष कार्यपालक अधिकारी नवनीत गोयल के नेतृत्व में प्राधिकरण की टीम ने सुबह से ही कुराना गांव में डेरा डाल दिया। इसके बाद करीब आधा दर्जन काॅलोनियों में जेसीबी. से अवैध निर्माणों को ध्वस्त कराना शुरू कर दिया। लोगों ने इसका विरोध किया तो टप्पल पुलिस के आगे उनकी एक न चली। विशेष कार्य अधिकारी नवनीत गोयल के कहा कि 2.20 लाख बीस हजार वर्ग मीटर जमीन में अवैध निर्माणों को ध्वस्त कराया है। जिस जमीन की कीमत करीब 2.20 अरब रूपये हैं। उन्होंने कहा कि काॅलोनाइजरों ने ग्राहकों को ख्वाब दिखाकर प्लाटिंग शुरू कर दी थी, जो अवैध है। यमुना विकास प्राधिकरण की अनुमति के बिना प्लाटिंग की जा रही है। खरीदारों को भी जमीन खरीदने से पहले इसकी जानकारी यमुना विकास प्राधिकरण से करनी चाहिए। उन्होंने भविष्य में बड़ी कार्यवाही के संकेत दिए। कोरोनाइजरों के खिलाफ भी कार्रवाई की बात कहीं। 

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