अलीगढ़। अमुवि के जेएन मेडिकल काॅलेज से हटाए गए दोनों डाॅक्टरों की सेवाएं फिर से बहाल कर दी। दोनों डाॅक्टर्स का कार्यकाल बढ़ा दिया है। इन दोनों डाॅक्टरों की सेवाएं समाप्त किए जाने के बाद ऐसी चर्चाएं थीं कि, पिछले दिनों हाथरस कांड पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट पर अपनी ओपिनियन देने के कारण इन दोनों डाॅक्टरों को मेडिकल काॅलेज से हटा दिया है. हालंकि अमुवि प्रशासन ने इस मामले में सफाई देते हुए इसे लीव वैकेंसी का मामला बताया था। बाद में दोनों डाॅक्टरों को सेवा विस्तार देते हुए दोबारा तैनाती दे दी गई है. अमुवि के जनसंपर्क अधिकारी उमर पीरजादा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि पिछले दिनों डाॅक्टर मोहम्मद अजीमुद्दीन मलिक और डाॅक्टर इम्तियाज को हटाया गया था, जिनको फिर से एक्सटेंशन दिया गया है।
रेजीडेंट डाॅक्टर एसोसियेशन ने बनाया था दबाव
विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से यह कहा गया था कि दोनों डाॅक्टरों को एक महीने की लीव वैकेंसी पर रऽा गया था. इस मामले में रेजिडेंट डाॅक्टर्स एसोसिएशन ने अमुवि कुलपति को दोनों डाॅक्टरों की सेवाएं दोबारा बहाल करने के लिए पत्रा लिऽा था। एसोसिएशन ने 24 घंटे में दोनों डाॅक्टर्स को दोबारा बहाल नहीं करने पर रेजीडेंट डाॅक्टर्स ;आरडीएद्ध की जनरल बाॅडी मीटिंग बुलाने की बात कही थी। डाॅ. हमजा मलिक ने कहा था कि अगर दोनों डाॅक्टरों को वापस नहीं बुलाया गया तो रेजिडेंट डाॅक्टर एसोसिएशन कोई बड़ा फैसला ले सकता है.
हाथरस कांड की पीड़िता के इलाज में शामिल थे दोनों डाॅक्टर
हाथरस के कथित गैंग रेप मामले में पीड़िता का इलाज करने वाले डाॅक्टरों में दोनों डाॅक्टर शामिल थे. हालांकि पीड़िता को जेएन मेडिकल काॅलेज से दिल्ली के अस्पताल में रेफर कर दिया गया था, जहां उसकी मौत हो गई थी। वहीं पीड़िता की एफएसएल रिपोर्ट को लेकर सवाल उठ रहे थे, जिस पर डाॅक्टर मोहम्मद ए. मलिक ने अपनी राय मीडिया के सामने रऽी थी. डाॅ. मलिक की ओर से कहा गया था कि घटना के 11 दिन बाद पीड़िता का सैंपल लिया गया था. इस मामले में प्रोग्रेसिव मेडिकोज एंड साइंटिफिक फोरम के अध्यक्ष डाॅ. हरजीत सिंह भाटी ने भी अमुवि कुलपति डाॅ. तारिक मंसूर से हटाए गए डाॅक्टरों को वापस लिए जाने की मांग की थी।