-आज समाचार सेवा-
नयी दिल्ली, 29 जून। भारत और भूटान के बीच आज 600 मेगावाट के खलोंगछु जेवी-हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किया। यह भूटान में लागू होने वाली पहली संयुक्त उद्यम परियोजना है। इस दौरान एस जयशंकर ने भूटान और भारत के रिश्तों की जमकर तारीफ भी की।
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत और भूटान के बीच अनोखा रिश्ता है। जो दोनों देशों के लोगों को ऐतिहासिक, भौगोलिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपरा के जरिए जोड़ता है। हमारे साझा मूल्यों ने वैश्विक दृष्टिकोण को आयाम दिया है।
जयशंकर ने कहा कि मैं भूटान और सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) के ड्रुक ग्रीन पावर कॉर्पोरेशन को इस उपलब्धि के लिए बधाई देता हूं और आशा करता हूं कि वे इस परियोजना को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। इस परियोजना के तहत भारतीय कंपनी भूटान में बिजली उत्पादन करेगी।
मालूम हो हाल ही में असम से ऐसी खबरें आई थीं कि भूटान ने बक्सा जिले के किसानों का पानी रोक दिया है। वहां तो किसानों ने सड़क उतरकर विरोध तक करना शुरू कर दिया था। भूटान के पानी रोकने की खबरें आने के बाद उसने सफाई दी। भूटान के विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी किया। लिखा था कि उन्होंने पानी नहीं रोका और ऐसी खबरें गलत हैं। बताया गया कि पानी में मिट्टी, कंकर की वजह से फ्लो रुका था, जिसे ठीक किया गया। इसके साथ तस्वीरें भी जारी की गईं।
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