प्रधानमंत्री के कोरोना पर 7वीं बार राष्ट्र को किया संबोधित

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खतरा टला नहीं है, लापरवाही न बरतें लोग
एक-एक नागरिक तक वैक्सीन पहुंचे, इसके लिए तेजी से काम हो रहा है

-आज समाचार सेवा-
नई दिल्ली, 20 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से एक बार फिर से आग्रह किया है कि कोरोना वायरस को लेकर किसी तरह की ढिलाई और लापरवाही न बरतें। साथ ही उन्होंने कहा है कि कोरोना का टीका बनाने का काम तेजी से चल रहा है और इसे सबको लगाने के लिए सरकार अभी से तैयारी में जुट गई है।
प्रधानमंत्री ने कोरोना को लेकर आज सातवीं बार राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक कोरोना की दवाई नहीं, तब तक कोई ढिलाई नहीं। उन्होंने मास्क पहनने की सलाह देते हुए कहा कि दो गज की दूरी और समय-समय पर साबुन से हाथ धुलना बेहद आवश्यक है। मोदी ने कहा कि लॉकडाउन खत्म होने का मतलब यह नहीं है कि वायरस भी खत्म हो गया है, ऐसे में हमें सतर्क रहने की विशेष जरूरत है।
अपने 12 मिनट के संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि हम एक कठिन समय से निकलकर आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे समय में थोड़ी सी भी लापरवाही हमारी गति को रोक सकती है, हमारी खुशियों को धूमिल कर सकती है। जीवन की जिम्मेदारियों को निभाना और सतर्कता, ये दोनों साथ-साथ चलेंगे तभी जीवन में खुशियां बनी रहेंगी।
मोदी ने कहा कि जब भी कोरोना वायरस की वैक्सीन आएगी, उसे जल्द से जल्द प्रत्येक भारतीय तक कैसे पहुंचाया जाएगा, इसके लिए भी सरकार की तैयारी जारी है। उन्होंने कहा कि एक-एक नागरिक तक वैक्सीन पहुंचे, इसके लिए तेजी से काम हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम कई सालों बाद हम देख रहे हैं कि मानवता को बचाने के लिए युद्धस्तर पर काम हो रहा है। कई देश इसके लिए काम कर रहे हैं। हमारे देश के वैज्ञानिक भी वैक्सीन के लिए जी-जान से जुटे हैं। भारत में अभी कोरोना की कई वैक्सीन पर काम चल रहा है। इनमें से कुछ उन्नत चरणों में हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज अमेरिका हो या फिर यूरोप के दूसरे देश, इन देशों में कोरोना के मामले कम हो रहे थे, लेकिन अचानक से फिर बढ़ने लगे। इसलिए जब तक सफलता पूरी न मिल जाए, लापरवाही नहीं करनी चाहिए। जब तक इस महामारी की वैक्सीन नहीं आ जाती, हमें कोरोना से अपनी लड़ाई को कमजोर नहीं पड़ने देना है। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में हम सबने बहुत सी ऐसी तस्वीरें और वीडियो देखे हैं जिनमें साफ दिखता है कि कई लोगों ने अब सावधानी बरतना बंद कर दिया है। ये ठीक नहीं है। अगर आप लापरवाही बरत रहे हैं, बिना मास्क के बाहर निकल रहे हैं, तो आप अपने आपको, अपने परिवार को, अपने परिवार के बच्चों और बुजुर्गों को उतने ही बड़े संकट में डाल रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सेवा परमो धमर्रू के मंत्र पर चलते हुए हमारे डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी इतनी बड़ी आबादी की निःस्वार्थ सेवा कर रहे हैं। इन सभी प्रयासों के बीच, ये समय लापरवाह होने का नहीं है। ये समय ये मान लेने का नहीं है कि कोरोना चला गया, या फिर अब कोरोना से कोई खतरा नहीं है।
मोदी ने कहा कि आज देश में कोरोना से ठीक होने की दर अच्छी है, मृत्यु दर कम है। दुनिया के साधन-संपन्न देशों की तुलना में भारत अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों का जीवन बचाने में सफल हो रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में जांच की बढ़ती संख्या हमारी एक बड़ी ताकत रही है।मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जनता कर्फ्यू से लेकर हम सभी ने बहुत लंबा सफर तय किया है। समय के साथ आर्थिक गतिविधियों में भी धीरे-धीरे तेजी नजर आ रही है। हममें से अधिकांश अपनी जिम्मेदारियां निभाने के लिए, जीवन को गति देने के लिए रोज घरों से निकल रहे हैं। त्योहारों के इस मौसम में बाजारों में भी रौनक लौट रही है। लेकिन हमें भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो, वायरस नहीं गया है। देश में जो स्थिति सुधरी है उसे बिगड़ने नहीं देना है। संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने देशवासियों को नवरात्रि, दीवाली, दशहरा, ईद, छठ और अन्य त्यौहारों के लिए देशवासियों को बधाई दी और लोगों से सतर्क रहने की अपील की।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री कोरोना को लेकर इससे पहले 6 बार राष्ट्र को संबोधित कर चुके हैं। उन्होंने 30 जून को छठी बार देश को संबोधित करते हुए लोगों से लापरवाही न करने की अपील की थी। इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के विस्तार की घोषणा की थी। उन्होंने नवंबर तक इस योजना का विस्तार किया था। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 12 मई को पाचवीं बार राष्ट्र को संबोधित किया था। अपने इस संबोधन में उन्होंने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का एलान किया था। इसके तहत देश के छोटे व्यापारियों, श्रमिकों और गरीबों को आर्थिक सहायता और ऋण की मदद देने की घोषणा की गई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल को राष्ट्र को चैथी बार संबोधित किया था। अपने इस संबोधन में उन्होंने लॉकडाउन 2.0 की घोषणा की थी और लॉकडाउन की अवधि बढ़ा दी थी।
कोरोना काल के दौरान प्रधानमंत्री ने तीन अप्रैल को तीसरी बार देशवासियों को संबोधित किया था। उन्होंने अपने संबोधन में लोगों से 5 अप्रैल को रात नौ बजे नौ मिनट के लिए घर की लाइट बुझाकर छत पर या बालकनी में दीये जलाने की अपील की थी। इससे पहले 24 मार्च को प्रधानमंत्री ने दूसरी बार देश को संबोधित करते हुए कोरोना वायरस से लड़ने के लिए देशवासियों से कुछ समय की मांग की थी। रात आठ बजे के अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने पूरे देश में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन करने की घोषणा कर दी थी। कोरोना वायरस को लेकर देशवासियों को पहली बार प्रधानमंत्री मोदी ने 19 मार्च 2020 को रात आठ बजे संबोधित किया था। उन्होंने लोगों से सहयोग की अपील करते हुए रविवार, 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का एलान किया था। साथ ही उन्होंने 22 मार्च को शाम पांच बजे, पांच मिनट तक उन सभी लोगों का ताली बजाकर धन्यवाद जताने की अपील की थी, जो खतरा उठाकर आवश्यक कामों में लगे हैं।
(समाप्त…/)

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