वर्ल्ड बुक ऑफ रेकॉडर्स में शामिल होगा अटल अकादमी का नाम-निशंक

0
52
Facebook
Twitter
Pinterest
WhatsApp

शिक्षा मंत्री ने 46 ऑनलाइन अटल संकाय विकास कार्यक्रमों का उद्घाटन किया
22 राज्यों में उच्च शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों का कौशल बढ़ाएगा यह कार्यक्रम

-आज समाचार सेवा-
नई दिल्ली 23 नवंबर। केंद्रीय शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद से जुड़े उच्च शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों को नए-नए क्षेत्रों में शिक्षित और प्रशिक्षित करने के लिए 46 ऑनलाइन अटल संकाय विकास कार्यक्रमों का सोमवार को उद्घाटन किया। उन्होंने कहा है कि ये कार्यक्रम देश के 22 राज्यों में चलाए जाएंगे।
पोखरियाल ने कहा कि वर्ल्ड बुक ऑफ रेकॉडर्स में अकादमी का नाम शामिल होना देश के लिए काफी गर्व की बात है। लंदन स्थित संस्था ने इस एफडीपी प्रोग्राम को एक वर्ल्ड रेकॉर्ड के तौर पर मान्यता दी है, जिसके तहत ऑनलाइन 1000 से ज्यादा एफडीपी में 1 लाख से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस साल ऑनलाइन एफडीपी कार्यक्रम पर 10 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि 2020-21 में आईआईटी, एनआईटी, आईआईआईटी के सहयोग पूरे देश के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में 100 से ज्यादा क्षेत्रों में 1000 एफडीपी प्रोग्राम आयोजित किए जाएंगे। अटल एकेडेमी में इस वर्ष से पंजीकरण से लेकर प्रमाणपत्र वितरण तक की प्रणाली के लिए पूरी तरह ऑनलाइन हो जाएगी। अटल एकेडेमी में इस वर्ष संकाय विकास कार्यक्रमों में विभिन्न क्षेत्रों के नए-नए उभरते हुए विषयों, जैसे लाइफ स्किल मैनेजमेंट, डिजाइन मीडिया, इंजीनियरिंग और कंप्यूटरों को शामिल किया गया है। ऑनलाइन एफडीपी कार्यक्रम 2020 की नई शिक्षा नीति के अनुसार संचालित किए जाएंगे।
निशंक ने 500वीं ऑनलाइन एफडीपी का उद्घाटन करने के बाद कहा, “अब तक 499 फैकल्टी डिवेलपमेंट प्रोग्राम ऑनलाइन आयोजित किए गए, 70 हजार से ज्यादा टीचरों को ट्रेनिंग दी गई। 2019 में अटल लर्निंग और ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा विज्ञान और इंटरनेट ऑफ थिंग्स आदि विषयों में प्रशिक्षण देने की शुरुआत की गई। पिछले वर्ष अटल अकेडेमी में 10 हजार उच्च शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया था।“
एआईसीटीआई के चेयरमैन प्रोफेसर डॉ. अनिल सहस्त्रबुद्धे ने कहा, “डिजिटल लर्निंग और स्मार्ट डिवाइसेज जैसे कम्प्यूटर, स्मार्ट फोन और टैबलेट के बढ़ते उपयोग ने स्टूडेंट लर्निंग को बेहतर बनाया है। सीबीएसई टीचरों को फ्लिप्ड क्लासरूम कॉन्सेप्ट के तहत प्रशिक्षित किया गया है। फ्लिप्ड क्लासरूम मॉडल में स्टूडेंट्स ऑनलाइन लेक्चर्स घर पर अपनी सुविधानुसार ले सकते हैं और अगले दिन क्लास में वे उसी लेक्चर से जुड़े असाइनमेंट करते हैं। पढ़ाई का यह तरीका न केवल सीखने की क्षमता में सुधार लाता है, बल्कि स्टूडेंट्स का स्कोर भी बेहतर होता है। इसके तहत टीचर्स अपने लेक्चर्स रिकॉर्ड करते हैं और उन वीडियो को ऑनलाइन पोस्ट कर देते हैं, जिन्हें स्टूडेंट्स एक्सेस कर सकते हैं। छात्र इन वीडियोज को देखकर घर पर पढ़ते हैं और जब क्लास में आते हैं तो वे उस लेक्चर के साथ तैयार होते हैं। अगले दिन क्लासरूम में टीचर्स पोस्टेड लेक्चर से जुड़ी एक्टिविटीज करवाते हैं और स्टूडेंट्स इनमें हिस्सा लेते हैं।“
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष प्रोफेसर एम.पी.पूनिया ने कहा, “अटल अकादमी का मुख्य उद्देश्य देश में गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा प्रदान करना और विभिन्न उभरते क्षेत्रों में प्रशिक्षण के माध्यम से अनुसंधान और उद्यमिता को बढ़ावा देना है। आईआईटी, आईआईआईटी, एनआईटी, सीयू और यहां तक कि रिसर्च लैब इस अटल संकाय विकास कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है।“
एआईसीटीई के सदस्य सचिव प्रोफेसर राजीव कुमार ने कहा, “अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के ये ऑनलाइन एफडीपी प्रोग्राम समय की मांग है। इससे उच्च शिक्षण संस्थानों से जुड़े अध्यापक छात्रों को उद्योगों की जरूरत के अनुसार शिक्षा देकर उन्हें तरह-तरह के कौशल से लैस बनाएंगे। कोरोना वायरस के चुनौतीपूर्ण समय में ये प्रोग्राम ऑनलाइन चलाए जा रहे हैं, ताकि विश्व के किसी भी कोने से कोई भी योग्य व्यक्ति इन ऑनलाइन सेशन में शामिल हो सके।“ उन्होंने उम्मीद जताई कि अटल अकादमी देश की नई शिक्षा नीति के अनुसार पूरे देश में राष्ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान के रूप में उभरेगी।
समाप्त…

Facebook
Twitter
Pinterest
WhatsApp
पिछला लेखचंदौली: कीचडय़ुक्त मार्ग बना राहगीरों के जी का जंजाल
अगला लेखनालंदा में कोरोना किट घोटाला मामले की जांच फाइलों में दबकर रह गयी

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें