कालके भयसे मुक्ति का मांगा आशीर्वाद

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-आज समाचार सेवा-

शारदीय नवरात्र को सप्तमी तिथि पर शुक्रवार को आस्थावानों में माता दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि के चरणों में शीश नवाकर काल के भय से मुक्ति का आशीर्वाद मांगा। कालिकागली स्थित मां के मंदिर में दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालुओं का पहुंचना भोर से ही शुरु हो गया था। मंदिर के महंत पंडित रविन्द्र नारायण के आचार्यत्व में ब्रह्मï मुहूर्त में मां दूध, दही, घी का इत्र, शहद गुलाबजल और गंगाजल से स्नान कराया गया। मां को नवीन वस्त्र और सुगन्धित फूलों की मालाओं से भव्य झांकी सजायी गयी और विभिन्न प्रकार के फल और मिष्ठïान भोग लगाकर आरती की गयी। आरती के साथ मां का दर्शन श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। दर्शन खुलते मां के जयकारे रेड जोन गूंजायमान हो उठा। कतारबद्ध श्रद्धालु मास्क लगाकर और सैनिटाइजर करके ही मंदिर में प्रवेश कर रहे थे। श्रद्धालुओं को चुनरी, नारियल, माला फूल अर्पित कर काल के भय से मुक्ति का आशीर्वाद मांग रहे थे। अपराहृन में जहां मां की भोग आरती हुई, वही सायंकाल मां की विशेष आरती की गयी। भोर पांच बजे से शुरु हुआ दर्शन पूजन का क्रम देर रात तक जारी रहा। रेड जोन होने के कारण मंदिर के आसपास बड़ी संस्था में पुलिस के जवान मुस्तैद रहे जो श्रद्धालु को दर्शन सुगम बनाने के लिए सहायता कर रहे थे। इस अवसर पर मां का दरबार चुनरी, कामिनी, गुलाब, गेेंदा के फूलों से आकर्षक सजावट की गयी थी।

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