अनुराग कश्यप ने दिया रेप के आरोप पर ‘बेगुनाही’ का सुबूत- प्रेस रिव्यू

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-आज समाचार सेवा

निर्माता-निर्देशक अनुराग कश्यप ने अपने ऊपर लगे कथित यौन उत्पीड़न के सभी आरोपों को ख़ारिज किया है. उन्होंने मुंबई पुलिस को अपनी ‘बेगुनाही’ के सुबूत दिये हैं.

द हिंदू अख़बार की ख़बर के मुताबिक़, अनुराग कश्यप ने मुंबई पुलिस को बताया कि अगस्त साल 2013 में वो एक शूटिंग के सिलसिले में श्रीलंका में थे.

अभिनेत्री पायल घोष ने फ़िल्म निर्माता अनुराग कश्यप पर कथित यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. जिसके बाद मुंबई पुलिस ने अनुराग कश्यप को पूछताछ के लिए बुलाया था.यह पूछताछ क़रीब आठ घंटे चली थी.

अपने ऊपर लगे कथित यौन शोषण के आरोपों पर अनुराग कश्यप ने मुंबई पुलिस के जांच अधिकारियों को बताया कि साल 2013 अगस्त में वो श्रीलंका में थे. उन्होंने इससे जुड़े दस्तावेज़ भी पुलिस को दिये हैं.

अभिनेत्री पायल घोष ने अनुराग कश्यप के ख़िलाफ़ वर्सोवा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी कि अनुराग ने उनके साथ कथित तौर पर रेप किया है. जिसके बाद पुलिस ने अनुराग को समन भेजा था.

इस मामले में अनुराग कश्यप की वकील प्रियंका खिमानी की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “कश्यप ने वो दस्तावेज़ दिए हैं, जो यह बताते हैं कि वह अगस्त 2013 के दौरान वह अपनी एक फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में श्रीलंका में थे. कश्यप ने इस तरह की किसी भी घटना से इनकार किया है और साथ ही अपने ऊपर लगे आरोपों को भी ख़ारिज भी किया है.”

प्रियंका खिमानी के अनुसार, फ़िल्म निर्माता अनुराग कश्यप की छवि खराब करने के उद्देश्य से ये आरोप लगाए गए हैं.

यूपीएससीकिसी को परीक्षा देने जाने से रोका नहीं जाएगा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने संघ लोक सेवा आयोग को दिल्ली सरकार और पुलिस से अनुरोध करने का निर्देश दिया है कि वो यह सुनिश्चित करें कि सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा के लिए किसी भी उम्मीदवार को परीक्षा केंद्र पहुंचने से रोका ना जाए. भले ही केंद्र कंटेनमेंट ज़ोन में क्यों ना हो.

कंटेनमेंट ज़ोन में स्थित परीक्षा केंद्रों पर अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इस संबंध में यूपीएससी दिल्ली के चीफ़ सेक्रेटरी और पुलिस कमिश्नर से संपर्क करे और उम्मीदवारों की भारीदारी को सुनिश्चित करे.

सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा रविवार, चार अक्टूबर को होनी है. दिल्ली में 71,378 उम्मीदवारों के लिए 150 सब-सेंटर बनाए गए हैं. कंटेनमेंट ज़ोन में सेंटर को लेकर क़रीब 100 उम्मीदवारों ने कोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह निर्देश जारी किये है.

इंडियन एक्सप्रेस में छपी इस ख़बर के मुताबिक़, कोर्ट ने निर्देश दिये हैं कि पुलिस अधिकारियों समेत संबंधित पुलिस को उचित दिशा-निर्देश जारी किये जाएं.

हाथरसअभियुक्तों के पक्ष में 12 गांवों की पंचायत

हाथरस कथित गैंगरेप मामले में गतिरोध बढ़ता ही जा रहा है. अब गैंगरेप के अभियुक्तों पक्ष में भी लोग जुटने लगे हैं. शुक्रवार को हाथरस के एक गांव में 12 गांव के लोगों की मीटिंग हुई, जहां आरोपियों को निर्दोष बताया गया.

इस मीटिंग में पीड़िता के परिजनों का नार्को टेस्ट और पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की गई. चारों अभियुक्त ठाकुर समाज के हैं जबकि पीड़िता वाल्मिकी समाज से थी.

नवभारत टाइम्स में छपी ख़बर के मुताबिक़, पीड़िता के गाँव के इलाक़े में धारा 144 लागू है और पुलिस पर्याप्त सतर्कता बरत रही है. इससे पूर्व अपर पुलिस महाननिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने भी गुरुवार को एक बयान जारी करके जातीय तनाव फैलाए जाने की आशंका जताई थी.

इस मीटिंग को भी जातीय तनाव से ही जोड़कर देखा जा रहा है. वहीं हाथरस में बीजेपी के पूर्व विधायक राजवीर सिंह पहलवान का भी एक बयान सामने आया था जिसमें वो कह रहे थे कि अभियुक्त निर्दोष हैं.

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