मकर संक्रांति – कविता

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-आज समाचार सेवा-

सूरज ने मकर राशि में दाखिल होकर
मकर संक्रांति के आने की दी खबर
ले कर रंग बिरंगी पतंगों की बहार
कहीं लोहड़ी तो कहीं पोंगल,
बड़ा ही पावन और पवित्र,
होता यह त्यौहार।

दान धर्म और पूजा पाठ,
से होता इसका सरोकार।
सभी लोग करते है पूजा पाठ ।

गन्ने के रस के उबाल से फैलती हर तरफ
सोंधी-सोंधी वो गुड की वो महँक
मूँगफली , तिल के लड्डू सब खाते मिल बाँट
आनन्द नयी नज़ारा दिखता हर तरफ़ ।

ऐसी एक पतंग बनाएं
जो हमको भी सैर कराए
कितना अच्छा लगे अगर
उड़े पतंग हमें लेकर
पेड़ों से ऊपर पहुंचे
धरती से अंबर पहुंचे
आसमान में लहराएं
और Virus से हम छुटकारा पाए

आईए पौष मास मे आए इस पावन पर्व ,
मकर संक्रान्ति का त्यौहार हल्ला उल्लास से मनाए।

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