छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में चार इनामी नक्सली समेत नौ नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। इनमें दो महिला नक्सली भी शामिल है। बस्तर क्षेत्र के पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि क्षेत्र के बीजापुर जिले में दो इनामी नक्सलियों ने तथा दंतेवाड़ा जिले में दो इनामी नक्सली समेत सात नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बीजापुर पुलिस और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के विशेष पहल से दक्षिण बस्तर डिविजनल कमेटी क्षेत्र के अंतर्गत जगरगुड़ा-बासागुड़ा एरिया कमेटी का सदस्य और जनताना सरकार अध्यक्ष के रूप में सक्रिय पांच लाख रूपये के इनामी माओवादी मड़कम देवा उर्फ माडा (36) ने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सली ने माओवादियों की खोखली विचारधारा, उनकी जीवन शैली, भेदभावपूर्ण व्यवहार एवं प्रताड़ना, संगठन में लम्बे समय से जुड़े रहने से भी पदोन्नति नहीं होने तथा नक्सली नेताओं के द्वारा उसके काम पर शक करने के कारण आत्मसमर्पण किया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मड़कम देवा वर्ष 1995 में कोरसागुड़ा छात्र संगठन सदस्य के रूप में भर्ती हुआ था। उसे दिसम्बर 2014 में जगरगुड़ा बासागुड़ा एरिया कमेटी के सदस्य के साथ-साथ एरिया जनताना सरकार अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी। वर्तमान में इसी पद पर कार्य कर रहा था।
मड़कम देवा के खिलाफ वर्ष 2002 में बासागुड़ा में बारूदी सुरंग विस्फोट कर पुलिस दल पर हमले की घटना में शामिल होने का आरोप है। इस घटना में दो पुलिसकर्मी मारे गए थे। इसके अलावा नक्सली के खिलाफ पुलिस दल पर हमला, ग्रामीणों की हत्या, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने समेत अन्य कई घटनाओं में शामिल होने का आरोप है।
अधिकारियों ने बताया कि 17 जून को मोदकपाल थाना क्षेत्र में जंगल में संदिग्ध परिस्थिति में मिली माओवादियों के बटालियन के कम्पनी नम्बर एक की प्लाटून नम्बर तीन की महिला माओवादी सुमित्रा चेपा (32) ने भी पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। नक्सली नेताओं ने कोरोना वायरस संक्रमण के भय से चेपा को निकाल दिया था।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि चेपा का कोरोना वायरस संक्रमण संबंधित सभी स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया तथा उसे क्वारंटाइन में रखा गया था। इस दौरान सुमित्रा चेपा का रिपोर्ट निगेटिव आया लेकिन टीबी बीमारी का टेस्ट कराने पर टीबी रिपोर्ट पॉजिटीव आया, जिसका ईलाज जिला अस्पताल बीजापुर में कराया जा रहा है। क्वारंटाइन अवधि पूरी होने के बाद उससे विस्तृत पुछताछ की गई।
चेपा ने पुलिस को बताया कि बार-बार सर्दी, खांसी और बुखार की शिकायत होने पर बटालियन इंचार्ज हिड़मा ने संगठन में अपने साथ रखना उचित नहीं समझा और 12 जून को चार माओवादियों के साथ पेद्दाकोवाली गांव स्थित घर भेज दिया था। उसे घर में रहकर इलाज करवाने के बाद संगठन में आने के लिए कहा गया था, लेकिन वह अब पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करना चाहती है।
अधिकारियों ने बताया कि चेपा पर आठ लाख रूपए का इनाम है। बस्तर क्षेत्र के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र के दंतेवाड़ा जिले में पुलिस द्वारा चालाए जा रहे लोन वर्राटू (घर वापस आईये) अभियान से प्रभावित होकर एक महिला नक्सली समेत सात नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इन नक्सलियों में प्लाटून नंबर 26 की सदस्य हड़मे मंडावी :20: तथा जनमिलिशिया कमांडर लखमा मंडावी (26) शामिल है। हड़मे पर दो लाख रूपए तथा लखमा पर एक लाख रूपए का इनाम है।
अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ पुलिस दल पर हमला, हत्या का प्रयास और माओवादियों का प्रचार प्रसार करने का करने का आरोप है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दन्तेवाड़ा जिले के विभिन्न गांव के व्यक्ति जो नक्सली संगठन में सक्रिय हैं, उन्हें आत्मसमर्पण कर सम्मान पूर्वक जीवन यापन करने के लिए थाना/कैम्पों और ग्राम पंचायतों में संबंधित क्षेत्र के सक्रिय माओवादियों का नाम चस्पा कर लोन वर्राटू (घर वापस आईये) अभियान चलाया जा रहा है। क्षेत्र के माओवादियों से आत्मसमर्पण कर सम्मान पूर्वक जीवन यापन करने की अपील की जा रही है।
उन्होंने कहा कि इससे प्रभावित होकर मंलागिर एरिया कमेटी में सक्रिय माओवादी प्लाटून सदस्य भीमा मरकाम और भैरमगढ़ एरिया कमेटी में सकिय 18 माओवादियों ने दंतेवाड़ा जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के सामने आत्मसर्पण किया था।
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