नवरात्रि की तिथियाँ 2025 – आसान समझ और तैयारी के टिप्स
नवरात्रि हर साल अलग दिन पर पड़ती है, इसलिए कैलेंडर देखना जरूरी है। 2025 में शरद नवरात्रि कब होगी, यह जानने के लिए हमें चंद्र कैलेंडर और ग्रेगोरियन कैलेंडर दोनों को समझना होगा। नीचे आप सभी जरूरी तिथियाँ और काम करने के तरीके पाएँगे।
शरद नवरात्रि की पंचांग‑गणना
नवरात्रि का पहला दिन अश्विन महीने का शुक्ल पक्ष की नवमी से शुरू होता है। इसके बाद नौ रातें और दस दिन होते हैं, आखिरी दिन को दशहरा या विजयादशमी कहा जाता है। पंचांग में यह तारीख चंद्रमा के चरणों से निर्धारित होती है, इसलिए ग्रेगोरियन कैलेंडर में हर साल बदलती है।
2025 की प्रमुख तिथियाँ
2025 में नवरात्रि का पहला दिन 7 अक्टूबर (शुक्रवार) है। नौवें दिन यानी नवमी 15 अक्टूबर (शनिवार) को दुर्गा पूजन का प्रमुख दिन मनाया जाता है। दशहरा 16 अक्टूबर (रविवार) को होता है, जब महिषासुर मर्दन और राजस्थानी लकीर से जुड़े कार्यक्रम होते हैं।
यदि आप ग्रेगोरियन कैलेंडर में सीधे देखना चाहते हैं, तो प्रमुख तिथियाँ इस प्रकार हैं:
- 7 अक्टूबर – नवरात्रि आरम्भ (पहला दिन)
- 8-14 अक्टूबर – देवी के विभिन्न रूपों की पूजा (दुर्गा, काली, कुमारी आदि)
- 15 अक्टूबर – नवमी (दुर्गा अष्टमी) – विशेष आरती और भोग
- 16 अक्टूबर – दशहरा (विजयादशमी) – रावण वध, रामलीला और मिट्टी के गुड़िया
इन तिथियों को अपने कैलेंडर में मार्क कर लें, ताकि आख़िरी क्षण तक कोई दिक्कत न हो।
एक और बात – नवरात्रि के दौरान कई शहरों में मेहंदी, तेज़ी से तैयार होने वाले व्यंजन और सामुदायिक भोज होते हैं। अगर आप अपने पड़ोस में या किसी मंदिर में भाग लेना चाहते हैं, तो पहले से संपर्क कर लेना बेहतर रहेगा। कई जगहों पर टिकट या पंजीकरण की जरूरत पड़ती है।
भोजन की बात करें तो इस समय साबूदाना खिचड़ी, पूड़ी, कढ़ाई की सब्ज़ी और शरबत लोकप्रिय होते हैं। ये हल्के होते हैं और उपवास में भी आसानी से खाए जा सकते हैं। घर में जल्दी‑जल्दी तैयार करने वाले लोग इन रेसिपी को YouTube या हमारे साइट पर खोज सकते हैं।
पूजन की विधि भी सरल है – घर में देवी की छोटी-मोटी तस्वीर या पृष्टक को साफ़ कपड़े से ढँक कर रखें। नौ दिन तक रोज़ सुबह स्नान, पवन-पाणि स्नान, दाणे‑धान्य और फूल चढ़ाएँ। नवमी के दिन विशेष रूप से साज़‑सज्जा और कलश पूजा करना फायदा देता है।
अगर आप दूर रहने वाले हों तो ऑनलाइन प्रसारण भी देख सकते हैं। कई थियेटर और मठ लाइव स्ट्रीमिंग करते हैं, जिससे आप घर से ही दुर्गा जी की आरती सुन सकते हैं। ध्वनि‑विज़ुअल सेट‑अप को तैयार रखें, ताकि माहौल बना रहे।
अंत में, नवरात्रि का मूल उद्देश्य शक्ति, धैर्य और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देना है। इसलिए काम‑काज में थोड़ा ब्रेक लेकर इन दिनों को मनाने से मन भी शांत रहेगा और शरीर भी तंदुरुस्त।
उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी। अब बस कैलेंडर में निशान लगा कर, मेहंदी, पूजा‑पाठ और भोग‑भोजन की तैयारी शुरू करें। नवरात्रि की रौनक आपके घर में भी आए!
