चैत्र नवरात्रि 2025: कब, कहाँ और कैसे मनाएँ?

अगर आप जानना चाहते हैं कि 2025 में चैत्र नवरात्रि कब आती है, तो सबसे पहले यह समझें कि यह त्यौहार शरद ऋतु के बाद का पहला बड़ा नवरात्रि है। इस साल यह 31 अगस्त से शुरू होकर 8 सितम्बर तक चालू रहेगा। चैत्र नवरात्रि के दौरान माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है और हर दिन का अपना विशेष महत्व है।

मुख्य तिथियां और उनका महत्व

पहला दिन ‘गौर्माता’ का है, जहाँ माँ के अन्नदाता स्वरूप की पूजा की जाती है। पाँचवें दिन ‘काशी व्रत’ के नाम से जाना जाता है, जब भक्त काशी की यात्रा की कल्पना करके व्रत रखते हैं। अष्टमी को ‘अष्टमी पूजा’ कहते हैं; इसमें माँ के आठवें रूप की आरती और मंत्र जप होते हैं। नवमी यानी ‘वीरवती अमावस्या’ को दीपावली की तरह जलाते हैं और माँ को शिखर पर मानते हैं।

राधा अष्टमी और चैत्र नवरात्रि का संबंध

2025 में राधा अष्टमी 31 अगस्त को पड़ रही है, यानी वही दिन चैत्र नवरात्रि की शुरुआत भी है। कई गाँव में इस मौके पर सात‑दिवसीय भागवत कथा का आयोजन किया जाता है। उदाहरण के तौर पर सपही बरवा में नौवां वार्षिक राधा अष्टमी उत्सव शुरू हो चुका है, जहाँ 6 सितंबर को सामूहिक भंडारा रखा जाएगा। इस प्रकार नवरात्रि और राधा अष्टमी का मेल स्थानीय संस्कृति को और भी रंगीन बनाता है।

अगर आप शहर में रहें तो बड़े मंदिरों में नवरात्रि की मेला लगती है। दिल्ली के चँडनी चौक में आयुर्वेदिक जड़ी‑बूटी बाजार, मुंबई के द्वारका को स्थलीय मंदिरों में सजा-धजा के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। इन कार्यक्रमों में शास्त्रीय नृत्य, भजन, और भगीरथी संगीत सुनने को मिलता है, जिससे मन में शांति और ऊर्जा दोनों आती हैं।

भोजन की बात करें तो नवरात्रि में ‘अन्नपूर्णा’ का प्रसाद बहुत लोकप्रिय है। फल, दलीय और शाकाहारी पकवानों से बने व्यंजन तैयार किए जाते हैं। घरों में लोग ‘व्रत कचोरी’, ‘साबूदाना खिचड़ी’ और ‘कूदनू’ बनाते हैं। अगर आप बाहर जाएँ तो स्थानीय मिठाई वाले स्टॉल पर ‘गुड़ की मिठाई’ और ‘जलेबी’ की लाइनें लम्बी मिलेंगी।

चैत्र नवरात्रि के दौरान कई सामाजिक कार्य भी होते हैं। कई NGOs मुफ्त स्वास्थ्य जांच कैंप लगाते हैं, और महिलाओं के लिए शीक्षण सत्र आयोजित होते हैं। यह समय है जब आप भी अपने पड़ोस में स्वच्छता या अन्नदान जैसी पहल में हाथ बँटा सकते हैं। इससे न केवल आपके घर में खुशी आती है बल्कि समाज में भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

किसी भी धार्मिक आयोजन में सबसे जरूरी है ‘मन से’ करना। भक्ति, शांति और परोपकार के साथ नवरात्रि मनाने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रावाह बना रहता है। अगर आप पहली बार नवरात्रि मनाते हैं, तो छोटे‑छोटे कदम से शुरू करें – जैसे घर में माँ के नथ्य लगाने, गुप्त बनावट वाले छोटे दीप जलाना या सादा प्रार्थना पुस्तक पढ़ना। धीरे‑धीरे आप इस त्यौहार की गहराई और सौंदर्य को समझ पाएँगे।

अंत में, यदि आप चैत्र नवरात्रि 2025 को खास बनाना चाहते हैं, तो अपनी योजना पहले से बनायें – तिथियों को कैलेंडर में मार्क करें, परिवार के साथ मिलकर विशेष व्यंजन तैयार करें, और अपने स्थानीय मंदिर में भाग लें। इस नवरात्रि में एक नई ऊर्जा के साथ घर को रोशन करें और माँ दुर्गा की असीम शक्ति को अपनाएँ।

चैत्र नवरात्रि 2025: 9‑दिन का त्योहार, 8‑दिन की भ्रांति क्यों?

चैत्र नवरात्रि 2025: 9‑दिन का त्योहार, 8‑दिन की भ्रांति क्यों?

वर्ष 2025 की चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से 7 अप्रैल तक 9 दिनों तक चलेगी। कुछ स्रोत 8‑दिन बताते हैं, लेकिन पंचांग की गणना इसे स्पष्ट करती है। इस लेख में कारण, इतिहास और पंचांग की बारीकियों को समझाया गया है।
पूरा देखें