भारत में सोना और चाँदी के भाव दिवाली‑दीपावली शॉपिंग सीज़न की दहलीज़ पर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं, जिससे उपभोग‑संबंधी बजट पर दबाव बढ़ रहा है। 18 ऑक्टूबर 2025 को Goodreturns ने बताया कि 24‑कैरेट सोना ₹13,086 प्रति ग्राम, 22‑कैरेट ₹11,995 प्रति ग्राम, और 18‑कैरेट ₹9,814 प्रति ग्राम पर ट्रेड कर रहा था। यह कीमतें केवल आँकड़े नहीं, बल्कि निवेश‑सुरक्षा, उपहार‑बाजार और आयात‑नीति के जुड़ाव का जटिल ताना‑बाना दर्शाती हैं।
वर्तमान बाजार मूल्य और मौसमी प्रभाव
MCX के दिसंबर कॉन्ट्रैक्ट ने 17 ऑक्टूबर को 1.06 % की छलांग लगाते हुए intraday हाई ₹1.32 लाख तक पहुंचा, जैसा कि Moneycontrol ने रि‑पोर्ट किया। राष्ट्रीय औसत से शहर‑विशिष्ट दरों में अंतर स्पष्ट है, पर सभी प्रमुख मेट्रो में 24‑कैरेट की कीमत ₹13,200‑₹13,300 के बीच स्थिर है। इस प्रवृत्ति के पीछे कई कारक हैं: वैश्विक मुद्रास्फीति, डॉलर‑रुपए के उतार‑चढ़ाव, और संस्कृति‑सम्बंधी मांग।
शहर‑वार दरों का विस्तृत विश्लेषण
India Today के 17 ऑक्टूबर के सर्वे के अनुसार, चेन्नई में 24‑कैरेट सोना ₹13,309 प्रति ग्राम, 22‑कैरेट ₹12,200, और 18‑कैरेट ₹10,100 पर मिल रहा था। मुंबई की कीमतें उससे थोड़ा कम लेकिन अंतर नहीं; 24‑कैरेट ₹13,277, 22‑कैरेट ₹12,170, और 18‑कैरेट ₹9,958। दिल्ली ने 24‑कैरेट ₹13,292, 22‑कैरेट ₹12,185, और 18‑कैरेट ₹9,722 की औसत बताई। कोलकाता ने मुंबई जैसे आंकड़े दिखाए। चाँदी की कीमतें भी शहर‑वार होगी: 10 ग्राम के लिए चेन्नई में ₹2,030, मुंबई‑दिल्ली में ₹1,850, और कोलकाता में ₹1,889।
विशेषज्ञों की भविष्यवाणी और बाज़ार‑दृष्टिकोण
Praveen Singh ने दिवाली‑दहनत्रे 2025 के पूर्वानुमान में कहा, “सोना $5,000 के करीब पहुँच सकता है, जबकि चाँदी $60‑$75 के स्तर पर जा सकती है।” यह अनुमान The Times of India के 17 ऑक्टूबर के लेख में उद्धृत किया गया। इसी समय Manav Modi ने COMEX के संदर्भ में कहा, “एक साल में सोना $4,250‑$4,500 (₹1,28,500‑₹1,35,000) लक्ष्य रख सकता है, और चाँदी $75 (₹2,30,000) पर जा सकती है।”
Abhilash Koikkara, EVP & Head‑Forex‑and‑Commodities at Nuvama Professional Clients Group, ने “अगले 12 महीनों में चाँदी सोने से बेहतर प्रदर्शन करेगी” कहा, क्योंकि तकनीकी चार्ट चाँदी के लिए बुलिश सिग्नल दिखा रहा है। Jateen Trivedi ने भी नज़रें सोने पर टिकी बताई, “दहनत्रे से पहले कीमतें ऊपर की ओर ही चलेंगी।”

बाजार की मौसमी जोखिम और नियामक बाधाएँ
गुडरिटर्न्स की रिपोर्ट में बताया गया कि अक्टूबर में 22‑कैरेट सोना +9.74 % और 24‑कैरेट +9.75 % बढ़ा, जबकि सितंबर में दोनों ने +10.92 % हासिल किया। इस तेज़ी के बीच भारत सरकार ने 1 kg की आयात सीमा बरकरार रखी है, जिससे वैम्पी शिपिंग खर्च बढ़ रहा है। साथ ही “सुनहरा आवक निरोध” की नीति को सख्ती से लागू किया जा रहा है, जिससे भीतर‑अंदरूनी मांग पर दबाव पड़ता है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में सप्लाई‑टाइटनेस बढ़ती है।
वैश्विक स्तर पर चाँदी के समर्थन स्तर $51.10‑$50.40 और प्रतिरोध $52.35‑$52.80 पर चिन्हित हैं, जबकि भारतीय रूप में सोने का समर्थन ₹1,25,470‑₹1,26,000 के बीच दिख रहा है। इन आंकड़ों को देखते हुए निवेशक को पोर्टफोलियो में विविधता लाना, अल्प‑कालिक चाँदी के बुलिश रुझान को पकड़ना और दीर्घ‑कालिक सोने की स्थिरता का लाभ उठाना चाहिए।
निवेशकों के लिए व्यावहारिक सुझाव
- क्लासिक सोना खरीदने से पहले स्थानीय पाउडर‑सोना या बार‑बाजार के स्प्रेड का विश्लेषण करें।
- चाँदी में अल्प‑कालिक ट्रेडिंग के लिए 10‑ग्राम और 1 किग्रा के शारीरिक डिलीवरी विकल्प देखें, क्योंकि यूरोपीय और भारतीय भौतिक बाजार में टाइटनेस है।
- डिजीटल गोल्ड ETFs जैसे KOTAK Gold ETF पर नज़र रखें – ये कॉर्नर केस में लिक्विडिटी की गारंटी देते हैं।
- विदेशी मुद्रा (USD‑INR) के उतार‑चढ़ाव को हेज करने के लिए फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट्स या NDFs पर विचार करें, विशेषकर अगर आप COMEX‑डॉलर‑डेनोमिनेशन वाले उत्पाद में निवेश कर रहे हैं।
- नीति‑परिवर्तनों पर सतर्क रहें – आयात पर शुल्क, सीमा‑संचालन और GST‑रिव्यू का असर कीमतों में तेज‑तीव्र उतार‑चढ़ाव ला सकता है।

आगामी घटनाक्रम और संभावित विकास
आगामी दहनत्रे 2025 और दीपावली 2025 के दौरान उपभोक्ता खरीदारी में उछाल अपेक्षित है, जिससे अल्प‑कालिक कीमतों में और तीखी उछाल देखी जा सकती है। यदि अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क (COMEX) में सोने की कीमत $5,200 के पास पहुंचती है, तो भारतीय रोपी में ₹1,38,000‑₹1,40,000 की रेंज संभव है। चाँदी के लिए $80‑$85 लक्ष्य अगले तिमाही में बना रहता है, जो ₹2,42,000‑₹2,55,000 के भीतर है। बाजार विशेषज्ञ मानते हैं कि इस अवधि में “ट्रेडिंग वॉल्यूम” बढ़ेगा, इसलिए तेज़‑गति वाले ब्रोकर्स और सुरक्षित भंडारण समाधान पर निवेशकों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
दहनत्रे 2025 में सोने की कीमतों पर सबसे बड़ा असर क्या होगा?
दहनत्रे में उपहार‑संबंधी मांग, आयात‑सीमा की सीमितता और डॉलर‑रुपया की मौसमी गति मिलकर कीमतों को ऊपर खींचेगी। विशेषज्ञ कहते हैं कि यदि वैश्विक बाजार में COMEX‑डॉलर 5,200 $ तक पहुँचा, तो भारतीय बाजार में ₹1.38‑1.40 लाख प्रति 10 ग्राम की सीमा बन सकती है।
क्या चाँदी सोने से बेहतर निवेश विकल्प बन सकती है?
Abhilash Koikkara के अनुसार, तकनीकी चार्ट और मौजूदा भौतिक बाजार की टाइटनेस चाँदी को अल्प‑काल में सोने से ऊँचा रिटर्न दे सकती है। पर दीर्घ‑कालिक पोर्टफ़ोलियो में स्थिरता के लिए सोना अभी भी प्राथमिक सुरक्षित आश्रय माना जाता है।
क्या गोल्ड ETF पर निवेश सुरक्षित है?
KOTAK Gold ETF और SBI Gold ETF जैसी योजनाएँ लिक्विडिटी और कम लागत प्रदान करती हैं। वे भौतिक सोने के भंडारण जोखिम को हटाकर मार्केट‑प्राइस के साथ जुड़ाव देती हैं, इसलिए छोटी‑परिवर्तन वाले निवेशकों के लिए एक अच्छा विकल्प है।
आयात‑सीमा में बदलाव से कीमतों पर क्या असर पड़ेगा?
यदि सरकार 1 kg सीमा को बढ़ाकर 5 kg कर देती है, तो विदेशी आपूर्ति में इजाफ़ा होगा और अल्प‑काल में कीमतें कुछ हद तक स्थिर हो सकती हैं। परंतु मौसमी मांग और वैश्विक मुद्रास्फीति के दबाव अभी भी प्रमुख drivers रहेंगे।
भविष्य में सोने की कीमतें कब स्थिर हो सकती हैं?
विश्लेषकों का मानना है कि यदि वैश्विक ब्याज‑दरें स्थिर हो जाती हैं और USD‑INR 90‑92 के बीच संतुलित रहता है, तो 2026 के मध्य तक कीमतें वर्तमान उच्च स्तर के करीब स्थिर हो सकती हैं।