(ऋषिकेश पाण्डेय)
मऊ।देश का भविष्य समझे जाने वाले छात्र-छात्राओं को लेकर लम्बे-चौङे भाषण तो बहुत दिये जाते हैं।लेकिन,हकीक़त यह है कि जब भी जिसे भी मौका मिलता है देश के इस “भविष्य” का शोषण-उत्पीड़न करने से बाज नहीं आता।जिससे देश का यह “भविष्य” न सिर्फ़ खुद को ठगा महसूस करने लगता है।बल्कि कुंठा में भी चला जाता है।देश के “भविष्य” के साथ इस बार ठगी खुद ‘संरक्षा,सुरक्षा और समय पालन,ये हैं हमारे मूल मंत्र’ के साथ यात्रियों की सुविधा का दंभ भरने वाली रेलवे ने ही किया है।रेलवे द्वारा छात्र-छात्राओं के साथ की गयी इस ठगी पर नज़र डाली जाय तो आगामी 27 सितम्बर को इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने प्रवेश परीक्षा आयोजित कर रखा है।जिसके परीक्षा केंद्र अन्य जगहों के अलावा वाराणसी में भी बनाये गये हैं।जिसमें शामिल होने के लिए भारी संख्या में छात्र-छात्राओं ने अन्य ट्रेनों के अलावा 15008 कृषक एक्सप्रेस में भी पहले से ही आरक्षण करा रखा था और अपनी सुरक्षित यात्रा को लेकर निश्चिंत थे।लेकिन, रेलवे ने अदूरदर्शिता का परिचय देते हुए दो दिन पहले ही कतिपय कारणों का हवाला देते हुए कृषक एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनों का शार्ट टर्मिनेशन कर दिया।जिससे छात्र-छात्राओं के सामने मुसीबतों का पहाड़ खङा हो गया।रेलवे ने मऊ जंक्शन और वाराणसी के बीच ट्रेन तो निरस्त की ही।इस सूचना के बाद टिकट कैंसिल कराने वाले छात्र-छात्राओं को ‘अमाउंट नो रिफंड’ का मैसेज भी कर दिया।रेलवे के इस छल से छात्र-छात्राओं को दोहरा झटका महसूस हुआ है।हालांकि पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी के डीआरएम विजय कुमार पंजियार ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित परीक्षा के प्रति अनभिज्ञता जताते हुए ट्रेनों को जाने-अनजाने निरस्त करने के फैसले पर अफसोस जताया और छात्र-छात्राओं के टिकटों के मूल्य रिफंड कराने का भरोसा दिया है।लेकिन,आईआरसीटीसी ने डीआरएम के इस आश्वासन को खारिज करते हुए शिकायतकर्ताओं को रेलवे के नियमों से अवगत कराते हुए रिफंड करने से साफ-साफ इंकार कर दिया है।जिससे ठगी के शिकार हुए छात्र-छात्राएं सरकार,व्यवस्था और अपनी तकदीर को भी कोसते नज़र आ रहे हैं।इस प्रकार रेलवे ने देश के “भविष्य” पर कहर बरपा दिया है।